श्रीलंका में प्रस्तावित सीता के मंदिर पर मप्र में सियासी घमासान


श्रीलंका में सीता मंदिर बनाने के शिवराज सिंह चौहान के फैसले पर मध्‍य प्रदेश में विवाद खड़ा हो गया है। मध्‍य प्रदेश की वर्तमान कमलनाथ सरकार ने कहा है कि उनका एक अधिकारी श्रीलंका जाएगा और तथ्‍यों की जांच के बाद ही वहां पर मंदिर बनाने पर कोई फैसला लिया जाएगा। कांग्रेस सरकार के इस फैसले पर विवाद खड़ा हो गया है। राज्‍य के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कमलनाथ सरकार सीता माता के रावण द्वारा अपहरण किए जाने को वेरिफाई करा रही है जो करोड़ों हिंदुओं की आस्‍था का अपमान है।

इससे पहले मध्‍य प्रदेश के मंत्री पीसी शर्मा ने कहा था कि शिवराज सिंह चौहान ने लोगों की प्रशंसा बटोरने के लिए श्रीलंका का दौरा किया और वादा किया कि जिस जगह पर रावण ने माता सीता को बंधक बनाया था, वहां पर मंदिर बनाया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि इस दिशा में अभी तक कुछ भी नहीं हुआ है। शर्मा ने कहा कि सरकार के एक अधिकारी को श्रीलंका भेजकर इसकी जांच कराई जाएगी कि वहां मंदिर बनाया जाना चाहिए या नहीं।

शर्मा ने कहा कि हमने मध्‍य प्रदेश में राम गमन पथ के लिए काम शुरू किया है। उन्‍होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने केवल घोषणाएं कीं लेकिन हम सभी धार्मिक कार्यों को पूरा करेंगे। दरअसल, यह पूरा मामला 2010 का है। शिवराज सिंह चौहान ने श्रीलंका में सीता मंदिर बनाने का ऐलान किया था और 1 करोड़ रुपये भी जारी किए गए थे जो अध्‍यात्‍म और पर्यटन विभाग में विवाद के कारण अभी तक खर्च नहीं हुए हैं।

उधर, शिवराज सिंह ने राज्‍य सरकार के इस फैसले पर हमला बोला है। उन्‍होंने ट्वीट कर कहा, ‘कमलनाथ सरकार के अफसर श्रीलंका जाकर सर्वे कराकर वेरिफाइ करेंगे कि माता सीता का अपहरण हुआ था या नहीं। मित्रो, इससे ज्‍यादा हास्यास्पद कुछ हो सकता है क्या? पूरी दुनिया जिस सत्य को जानती है, उसकी जांच कराने की बात करके कमलनाथ सरकार ने करोड़ों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।’ उन्‍होंने कहा कि इस सर्वे की जरूरत नहीं है।

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