सुप्रीम कोर्ट को यह शोभा नहीं देता… IMA चीफ ने क्यों कहा? बाबा रामदेव ने कोरोना इलाज के नाम पर हद पार की

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ. आर वी अशोकन ने सोमवार को कहा कि बाबा रामदेव ने उस समय हद पार कर दी जब उन्होंने दावा किया कि उनके पास कोविड-19 का उपचार है और उन्होंने आधुनिक चिकित्सा पद्धति को ‘मूर्खतापूर्ण एवं दिवालिया विज्ञान’ कहकर बदनाम किया’ भ्रामक विज्ञापनों को लेकर पिछले महीने उच्चतम न्यायालय द्वारा रामदेव और उनकी औषधि कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को फटकार लगाए जाने के बाद आईएमए की यह पहली टिप्पणी है. उच्चतम न्यायालय में 30 अप्रैल को मामले की सुनवाई होने वाली है.

शीर्ष अदालत आईएमए की 2022 की एक याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें कोविड रोधी टीकाकरण अभियान और चिकित्सा की आधुनिक पद्धतियों को बदनाम करने का अभियान चलाने का आरोप लगाया गया है. अदालत ने पिछले महीने रामदेव, उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड से भ्रामक विज्ञापनों पर उसके आदेशों का पालन नहीं करने के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को कहा था.

‘पीटीआई’ के संपादकों के साथ बातचीत में अशोकन ने यह भी कहा कि यह ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है कि उच्चतम न्यायालय ने आईएमए और निजी डॉक्टरों के तौर तरीकों की भी आलोचना की. उन्होंने कहा कि ‘अस्पष्ट और अति सामान्य बयानों’ ने निजी डॉक्टरों को हतोत्साहित किया है. उन्होंने कहा, “हम ईमानदारी से मानते हैं कि उन्हें यह देखने की जरूरत है कि उनके सामने क्या सामग्री रखी गई है. उन्होंने शायद इस बात पर विचार नहीं किया कि यह वह मुद्दा नहीं है जो अदालत में उनके सामने था.”

अशोकन ने कहा, “आप कुछ भी कह सकते हैं, लेकिन अधिकतर डॉक्टर कर्तव्यनिष्ठ हैं…नैतिकता और सिद्धांतों के अनुसार काम करते हैं. देश के चिकित्सा पेशे के खिलाफ तल्ख रुख अपनाना न्यायालय को शोभा नहीं देता, जिसने कोविड युद्ध में इतनी कुर्बानी दी.” अशोकन 23 अप्रैल की सुनवाई में उच्चतम न्यायालय द्वारा की गई उन टिप्पणियों के बारे में एक सवाल का जवाब दे रहे थे कि जब आप (आईएमए) एक उंगली किसी (पतंजलि) पर उठा रहे हैं, तो बाकी चार उंगलियां आपकी ओर उठती हैं.

इसे शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *