प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता से किए गए वादों को पूरा करने में विफल रहने पर विपक्ष को आड़े हाथों लिया है. एक साक्षात्कार में एएनआई से बात करते हुए, उन्होंने कहा कि राजनेताओं को लोगों के सामने दिए गए बयानों की जिम्मेदारी लेने की जरूरत है. पीएम मोदी ने कहा, “मुझे लगता है कि राजनीतिक नेतृत्व संदिग्ध होता जा रहा है. ऐसी स्थिति में, हमें याद रखना चाहिए कि हमारे पास ‘प्राण जाए पर वचन न जाए’ की परंपरा है. (आप अपना जीवन खो सकते हैं, लेकिन अपना वचन नहीं). मेरा मानना है कि राजनेताओं को ऐसा करना चाहिए, वे स्वामित्व लें, उन्हें जिम्मेदारी लेनी चाहिए.”
उन्होंने आगे कहा, “मैं जो कहता हूं वह मेरी जिम्मेदारी है और मैंने इसकी गारंटी भी दी है. मैं अनुच्छेद 370 का मामला लेता हूं, यह हमारी पार्टी की प्रतिबद्धता रही है. मैंने साहस दिखाया और 370 को हटा दिया और आज, जम्मू-कश्मीर का भाग्य बदल गया है.” पीएम मोदी ने कहा, “तीन तलाक को लेकर कई बातें हुईं, राजनीतिक नेतृत्व, फिर डर गया. लोगों ने कहा, हम उन पर भरोसा क्यों करें? वे एक समय में कुछ और कहते हैं और दूसरे समय में कुछ और. लेकिन लोगों ने विश्वास करना शुरू कर दिया. भरोसा बहुत बड़ी शक्ति है. और भारत जैसे देश में मैं इस भरोसे को अपनी जिम्मेदारी मानता हूं और इसीलिए मैं इसे बार-बार कहता हूं.”
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘मोदी की गारंटी’ कहकर वह लोगों को गारंटी दे रहे हैं कि वह अपने सभी वादे पूरे करेंगे. उन्होंने कहा, “जहाँ तक गारंटी का सवाल है, आज हमारे देश में, मुझे लगता है कि राजनेता अपनी बात के पक्के नहीं हैं. एक तरह से, ऐसा लगता है कि…आप जो चाहें कह सकते हैं. आपके पास कुछ भी जिम्मेदारी नहीं है. आजकल आपने देखा ही होगा… एक से एक नेता के पुराने वीडियो वायरल हो रहे हैं और उनका एक बयान दूसरे से इतना विरोधाभासी है कि लोग एक साथ देखते हैं और कहते हैं… यह आदमी हमें कितना बेवकूफ बनाता था. अभी मैंने एक राजनेता का भाषण सुना है जिसमें उन्होंने कहा था ‘मैं एक झटके में गरीबी हटा दूंगा और फिर लोग सवाल उठाएंगे.”
दरअसल, प्रधानमंत्री 11 मार्च को राजस्थान की एक रैली में राहुल गांधी के बयान का जिक्र कर रहे थे, जहां कांग्रेस नेता ने दावा किया था कि वह एक घर की गरीब महिला के खाते में 1 लाख रुपये ट्रांसफर करके एक पल में उनकी गरीबी मिटा देंगे. प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि लोकसभा चुनाव में उनकी सरकार के दोबारा सत्ता में आने के बाद उनकी बड़ी योजनाएं थीं. उन्होंने कहा, “जब मैं कहता हूं कि मेरे दिमाग में बहुत बड़ी योजनाएं हैं, और मेरे पास बहुत बड़ी योजनाएं हैं, तो ज्यादातर सरकारों के पास यह कहने की आदत है कि हमने सब कुछ किया है. मैं नहीं मानता कि मैंने सब कुछ किया है. मैंने जितना संभव हो सके, सही दिशा में जाने की कोशिश की है.”