भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ देश पर एक भाषा थोपने की इच्छा रखने और सत्तारूढ़ दल संविधान बदल देगा जैसे ‘निराधार’ आरोप लगाने के लिए राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए सोमवार को निर्वाचन आयोग का रुख किया. राहुल गांधी पर ‘लगातार झूठ बोलने और आदतन अपराधी’ होने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने आयोग से ‘स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए उनसे सख्ती से निपटने’ का आग्रह किया.
महासचिव तरुण चुघ, प्रवक्ता और सांसद सुधांशु त्रिवेदी और ओम पाठक सहित एक पार्टी प्रतिनिधिमंडल ने आयोग को शिकायत सौंपी. इसमें कहा गया कि गांधी निर्वाचन आयोग द्वारा पहले नोटिस दिए जाने के बावजूद झूठे और घोर दुर्भावनापूर्ण आरोप लगा रहे हैं.
भाजपा ने उनके उस आरोप का भी हवाला दिया कि पार्टी सत्ता में आने पर संविधान को बदलना चाहती है. पार्टी ने दावा किया कि इस तरह के ‘निराधार’ बयान न केवल लोकतांत्रिक सिद्धांतों को कमजोर करते हैं, बल्कि नागरिक अशांति और कलह को भड़काने की भी क्षमता रखते हैं.
राहुल गांधी सहित कांग्रेस नेताओं ने भाजपा के कुछ पदाधिकारियों की टिप्पणियों का लाभ उठाते हुए आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल संविधान को बदलना चाहता है. भाजपा ने कहा कि गांधी ने कोयंबटूर में अपनी रैली में यह आरोप लगाकर तमिलों और अन्य लोगों के बीच भाषाई और सांस्कृतिक विभाजन पैदा करने की कोशिश की कि मोदी भारत में केवल एक भाषा चाहते हैं, जिसका अर्थ है कि प्रधानमंत्री उनकी भाषा के खिलाफ हैं.