नई दिल्ली। पूरे देश से 600 से ज्यादा रंगकर्मियों ने मतदाताओं से ‘बराबरी और सामाजिक न्याय के लिए वोट देने और अंधेरगर्द और बर्बर ताकतों को हराने का आग्रह किया।’ रंगकर्मियों ने अपने संयुक्त बयान में ‘संविधान और धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने की रक्षा’ के लिए वोट देने की अपील की।
इन रंगकर्मियों में अमोल पालेकर, अरुं धति नाग, अस्ताद देबू, अर्शिया सत्तार, दानिश हुसैन, गिरीश कर्नाड, नसीरुद्दीन शाह, एम.के. रैना जैसे कलाकार शामिल हैं।
बयान के अनुसार, “आज, ‘आइडिया ऑफ इंडिया’ खतरे में है। आज संगीत, नृत्य, हंसी खतरे में हैं। आज हमारा संविधान खतरे में है। जिस संस्थान में बहस न हो, तर्क न हो और असहमति न हो, उसका दम घुट जाता है।”
बयान के अनुसार, “हमारी अपील है कि घृणा, नफरत के खिलाफ वोट दें। भाजपा और इसकी रैलियों के खिलाफ वोट दें। धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र और समावेशी भारत के लिए वोट दें..समझदारी से वोट दें।”
इससे पहले देश के 200 से ज्यादा लेखकों ने लोगों से नफरत की राजनीति के खिलाफ मतदान करने की अपील की थी। इस अपील में लेखकों ने लोगों से भारत की विविधता और समानता के लिए मतदान करने को कहा है। लेखकों ने कहा है कि इससे भारतीय संविधान के मूलभूत मूल्यों को बचाने में मदद मिलेगी। यह अपील इंडियन राइटर्स फोरम की ओर से विभिन्न भाषाओं में जारी की गई थी।