पश्चिम बंगाल के मामलों में बिना सहमति केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की तरफ से एफआईआर दर्ज होने के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई पूरी और फैसला सुरक्षित रख लिया. शीर्ष न्यायालय सबसे पहले ये तय करेगा कि याचिका सुनवाई योग्य (मेंटेनेबिलिटी) है या नहीं.
बंगाल की ममता बनर्जी सरकार का कहना है कि उसने 2018 में ही सीबीआई को राज्य के मामलों में केस दर्ज करने/ रेड डालने की अनुमति वापस ले ली थी, लेकिन उसके बाद भी सीबीआई एफआईआर दर्ज कर रही है.
वहीं, केंद्र सरकार ने ये कहते हुए याचिका का विरोध किया है कि आर्टिकल 131 के तहत यह सुनवाई लायक नहीं है क्योंकि इन मामलों में केस सीबीआई ने दर्ज किया है, केंद्र सरकार ने नहीं. केंद्र ने कहा, “सीबीआई अपने आप में स्वतंत्र जांच एजेंसी है. सीबीआई की ओर से केस दर्ज होने के चलते बंगाल सरकार केंद्र के खिलाफ मुकदमा दायर नहीं कर सकती.”