हिंदू, मुस्लिम समुदाय से अयोध्या पर फैसले का सम्मान करने का आग्रह


अयोध्या मामले पर फैसले से पहले अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी द्वारा आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में हिंदू और मुस्लिम पक्ष के वरिष्ठ प्रतिनिधियों से आग्रह किया गया कि शीर्ष अदालत के फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए. नकवी के आवास पर आयोजित इस बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संयुक्त सचिव कृष्ण गोपाल और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व संगठन सचिव रामलाल सहित मुस्लिम पक्ष के प्रभावशाली लोग शामिल रहे.

मुस्लिम पक्ष की ओर से जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव महमूद मदनी, पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य कमाल फारूकी, फिल्म निर्माता मुजफ्फर अली और कुछ अन्य लोगों ने भी मौजूदगी दर्ज कराई. इस दौरान दोनों समुदायों के प्रतिनिधियों से आग्रह किया गया कि 17 नवंबर से पहले आने वाले अयोध्या विवाद पर फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए. नकवी ने बैठक में कहा कि विविधता में एकता हमारी सांस्कृतिक प्रतिबद्धता है और एकता की इस ताकत की रक्षा करना समाज के सभी वर्गों की सामूहिक जिम्मेदारी है.

मुख्तार अब्बास नकवी ने प्रतिनिधियों के बीच बातचीत के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “अब जब हमने यह बैठक की है तो मुझे यकीन है कि राष्ट्र शांति और सद्भाव के साथ फैसले को स्वीकार करेगा.” प्रमुख शिया धर्मगुरु कल्बे जवाद ने सद्भाव बनाए रखने के लिए नकवी के प्रयासों की सराहना की और आश्वासन दिया कि विविधता में एकता के पाठ को मस्जिदों के माध्यम से प्रचारित किया जाएगा.

उन्होंने यह भी उम्मीद की कि अयोध्या के फैसले से पहले हिंदू पक्ष के अधिक सदस्यों के साथ एक और बैठक होगी. भाजपा नेता शहनवाज हुसैन ने कहा, “इस बैठक में सभी ने सहमति जताई कि फैसले से देश और उसके भाईचारे को मजबूती मिलेगी.”

केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के आवास पर बैठक के बाद शिया धर्मगुरु मौलाना सैयद कल्बे जवाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से जो भी फैसला सुनाया जाएगा. हम सभी को उसका सम्मान करना चाहिए. हम सभी से अपील करेंगे कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद शांति बनाए रखें.

अखिल भारतीय सूफी सज्जादानशीन परिषद के अध्यक्ष सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि हर कोई इस बात पर सहमत है कि सभी धर्मों के लोगों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए. हम सभी दरगाहों के लोगों को दिशा-निर्देश देंगे कि वे अफवाहों और नकली खबरों पर विश्वास न करें.

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