मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस वक्त दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं. दिल्ली शराब घोटाले के मामले में मंगलवार को उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई होनी है. इसी बीच बड़ी खबर सामने आई है कि दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीएम पर एनआईए जांच के आदेश दिए हैं. एनआईए आतंकवाद निरोधक एजेंसी है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे सीएम केजरीवाल ने ऐसा क्या किया है, जिसे लेकर उपराज्यपाल ने उनपर इतना कठोर कदम उठाया. न्यूज एजेंसी पीटीआई की खबर के मुताबिक एलजी द्वारा एनआईए को की गई सिफारिश के पत्र से कई चीजें सामने आती हैं.
केंद्रीय गृह सचिव को लिखे पत्र में उपराज्यपाल सचिवालय ने कहा कि एलजी सक्सेना को शिकायत मिली थी कि केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप को कथित तौर पर देवेन्द्र पाल भुल्लर की रिहाई के लिए चरमपंथी खालिस्तानी समूहों से 16 मिलियन अमेरिकी डॉलर की फंडिंग मिली थी. अमृतसर सेंट्रल जेल में बंद भुल्लर को 1993 में दिल्ली में एक बम विस्फोट में नौ लोगों की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था. उन्हें 25 अगस्त, 2001 को टाडा अदालत द्वारा मौत की सजा सुनाई गई थी और सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनकी मौत की सजा को कम करने के बाद से वह आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं.
NIA को सौंपी पेन ड्राइव…
एलजी सक्सेना ने पत्र में कहा है कि शिकायतकर्ता द्वारा दिए गए इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों (पेन ड्राइव) की फोरेंसिक जांच सहित जांच की आवश्यकता है. पत्र में कहा गया है कि शिकायत एक मुख्यमंत्री के खिलाफ की गई है और एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन से प्राप्त राजनीतिक फंडिंग से संबंधित है. सूत्रों ने कहा कि शिकायत खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नून द्वारा जारी एक वीडियो को संदर्भित करती है, जहां उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल के नेतृत्व वाली AAP को 2014 और 2022 के बीच खालिस्तानी समूहों से 16 मिलियन अमेरिकी डॉलर मिले.