केंद्र सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद प्याज की महंगाई थम नहीं रही है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्याज सेब से लगभग दोगुने दाम में बिक रहा है. सेब जहां 40 से 60 रुपये प्रति किलो मिल रहा है, वहीं प्याज की कीमत 80 से 100 रुपये प्रति किलो हो गई है.
दिल्ली की आजादपुर मंडी में 28 नवंबर 2018 को प्याज का थोक भाव जहां 2.50-15 रुपये प्रति किलो था, वहां इस साल 28 नवंबर को यह 29-57.50 रुपये प्रति किलो था. वहीं दिल्ली-एनसीआर के बाजारों में खुदरा प्याज 70-100 रुपये प्रति किलो बिक रहा था.
कृषि विशेषज्ञ विजय सरदाना ने बताया कि देश में प्याज के भंडारण की समुचित व्यवस्था नहीं होने से बीते सीजन का प्याज खराब हो गया, वहीं मौसम की मार से नई फसल खेतों में बर्बाद हो गई, जिसके कारण प्याज का टोटा बना हुआ है.
देश में प्याज के सबसे बड़े उत्पादक प्रदेश महाराष्ट्र से 28 नवंबर को प्याज की कोई आवक नहीं हुई हालांकि अफगानिस्तान से प्याज आ रहा है, लेकिन खपत के मुकाबले आवक कम होने से थोक दाम में फिर बढ़ोतरी दर्ज की गई.
केंद्र सरकार ने 1.2 लाख टन प्याज का आयात करने का फैसला लिया है, जबकि कारोबारी बताते हैं कि देश में तकरीबन 50,000-60,000 टन रोजाना प्याज की खपत है.
दिल्ली की आजादपुर मंडी के कारोबारी और ऑनियन मर्चेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने कहा कि दिल्ली में ही प्याज की रोजाना की खपत इस समय करीब 2,000 टन है, जिसकी पूर्ति नहीं हो पा रही है, इसलिए कीमत ऊंची है.
कृषि विशेषज्ञ विजय सरदाना की मानें तो इस समय करीब 10 लाख टन प्याज का आयात करने की जरूरत है और इतने बड़े परिमाण में प्याज का आयात करना मुश्किल है क्योंकि इतना प्याज विदेशों में कहीं उपलब्ध नहीं होगा.