विहिप की नई पीढ़ी के निशाने पर मुस्लिम ‘घुसपैठिए’


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध विश्व हिंदू परिषद (विहिप) एक ऐसा भगवा संगठन रहा है, जिसका नेतृत्व कभी अशोक सिंघल और गिरिराज किशोर जैसे बड़े नेता करते थे। अब विहिप की अगुवाई अगली पीढ़ी के मिलिंद परांडे जैसे नेताओं द्वारा की जा रही है जिन्होंने आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में मुस्लिमों को ‘घुसपैठिए’ करार दिया।

साक्षात्कार के दौरान उन्होंने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मुद्दे पर आरोप लगाते हुए कहा, “वे (मुस्लिम) हमारे संसाधनों का उपभोग कर रहे हैं। उन्हें पहचानने और उनसे निपटने की आवश्यकता है।”

विहिप के अंतर्राष्ट्रीय महासचिव परांडे ने हिंदुओं के संरक्षण के लिए नागरिकता विधेयक में संशोधन की मांग की है।

भारत में अति दक्षिणपंथी विचारों वाले इस नए चेहरे ने कहा, “जो हिंदू भारत में आए हैं, वे हर तरह से शरणार्थी हैं। हम उन्हें अस्वीकार नहीं कर सकते। उनके पास दस्तावेज हों या ना हों, उन्हें वापस नहीं भेजा जा सकता, उन्हें वापस भेजा जाना नहीं चाहिए।”

उन्होंने कहा कि देश में हिंदुत्व के बिना राजनीति अब नहीं चल सकेगी।

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में बोंधु गोपाल, उनकी गर्भवती पत्नी और बच्चे की निर्मम हत्या पर उन्होंने कहा, “राज्य में प्रचलित हिंसा की राजनीति जारी है। हमारे कैडर, जो हिंदुत्व का प्रचार करते हैं, उन्हें आए दिन मार दिया जाता है। इनकी संख्या अब 270 से अधिक पहुंच चुकी है।”

उन्होंने कहा, “बेशक, वह (पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी) अवैध आव्रजन को प्रोत्साहित कर रही हैं। कौन नेता घुसपैठियों से अपनी नागरिकता के दावों के लिए नकली पुलिस शिकायत दर्ज करने के लिए कहेगा?”

परांडे ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर की सुनवाई के संबंध में आशावादी महसूस हो रहा है और अगली दिवाली तक एक भव्य राम मंदिर पूरा होने की संभावना है।

उन्होंने कहा कि भारतीय दर्शन का अध्ययन वैदिक विश्वविद्यालयों में किया जाना चाहिए और विहिप इस मुद्दे पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ बातचीत कर रही है।

विहिप वैदिक शिक्षाओं को लोकप्रिय बनाने के लिए नई दिल्ली के बिड़ला मंदिर में छह दिवसीय आयोजन ‘चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ’ कर रही है। इसका उद्देश्य वेदों के ज्ञान एवं विज्ञान के महत्व को जन-जन तक पहुंचाना है।

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