यूपी के DGP ने कहा- चिन्मयानंद पर लगा रेप का चार्ज, लेकिन पेंच हैं


चिन्मयानंद पर चार आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. इनमें एक धारा है धारा-376C. इस धारा का मतलब है, “कोई अधिकारी, लोक सेवक, छात्रों की संस्था का प्रबंधक, अस्पताल का कर्मचारी होते हुए, ऐसी कोई स्त्री जो उसकी कस्टडी में हो या परिसर में उपस्थित है, उस स्त्री को अपने साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए प्रेरित करने लिए स्थित का दुरुपयोग करता है, तो उस व्यक्ति को पांच साल या दस साल की जेल की सजा और जुर्माने से भी दंडित किया जाएगा.”

आईपीसी की धारा-376C में कहीं भी रेप का जिक्र नहीं है. ये धारा उस आरोपी पर लगाई जाती है, जिसने किसी प्रतिष्ठित पद पर रहकर महिला को शारीरिक संबंध बनाने के लिए प्रेरित किया हो. इस धारा के तहत आरोपी को पांच या दस साल की सजा हो सकती है.

पीड़िता के आरोप के आधार पर चिन्मयानंद केस में आईपीसी की धारा-376(2) के तहत इन प्रावधानों से जुड़ा मामला दिखता है.

धारा-376(2) (f)- जब महिला का कोई रिश्तेदार, अभिभावक, शिक्षक या उसके प्रति विश्वास या अधिकार की स्थिति में कोई व्यक्ति उसका बलात्कार करता है
धारा-376(2)(k)- जब महिला पर नियंत्रण या प्रभुत्व की स्थिति में रहकर कोई व्यक्ति उसका बलात्कार करता है
धारा-376(2)(n)- जब कोई शख्स एक ही महिला का बार-बार बलात्कार करता है
ऐसे मामले में आरोप साबित होने पर आरोपी को कम से कम दस साल या उम्रकैद की सजा हो सकती है.

चिन्मयानंद ने अपना अपराध कबूल किया: SIT

एसआईटी ने दावा किया है कि चिन्मयानंद ने सारे आरोप मान लिए हैं और साथ ये भी माना है कि पीड़ित लड़की को मसाज के लिए बुलाया था. प्रमुख और पुलिस महानिरीक्षक नवीन अरोड़ा ने कहा, चिन्मयानंद को मसाज (मालिश) की वीडियो क्लिपिंग भी दिखायी गयीं, जिस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ”जब आपको सब पता ही चल गया है तो मुझे कुछ नहीं कहना. मैं अपना अपराध स्वीकारता हूं और इसके लिए शर्मिंदा हूं.”

उन्होंने बताया कि एसआईटी ने मोबाइल कॉल डिटेल के डिजिटल रिकॉर्ड और टोल टैक्स प्लाजा के फुटेज हासिल किए और इस तरह एसआईटी कड़ी से कड़ी जोड़ कर इस मामले में यहां तक पहुंची है.

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