कांग्रेस ने आइएनएक्स मीडिया केस में पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम को साजिश का शिकार बनाने का आरोप लगाते हुए सवाल उठाया है कि जब फाइल पर हस्ताक्षर करने वाले छह सचिवों समेत 11 अधिकारियों ने कुछ गलत नहीं किया तो फिर अंतिम हस्ताक्षर करने वाले चिदंबरम अकेले कैसे दोषी हो सकते हैं। आइएनएक्स केस में पूर्व वित्तमंत्री को किंगपिन बताने के आरोपों पर भी पलटवार करते हुए पार्टी ने कहा कि हकीकत यह है कि कांग्रेस और चिदंबरम को बदनाम करने वाले किंगपिन सरकार में हैं।
चिदंबरम के बचाव में उतरे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने पार्टी की आधिकारिक प्रेस कांफ्रेंस में यह सवाल उठाते हुए सरकार को घेरा। जयराम ने कहा कि तथ्यों से स्पष्ट है कि चिदंबरम के खिलाफ बनाया गया यह केस राजनीतिक प्रतिशोध का सर्वोत्तम उदाहरण है।
अपने इस दावे को सही साबित करने के लिए जयराम ने एफआइपीबी और वित्त मंत्रालय की एफडीआई निवेश को मंजूरी देने की स्थापित प्रक्रिया का हवाला दिया। उनका कहना था कि एफडीआइ मंजूरी के लिए 20 साल से अधिक समय से एक प्रक्रिया तय है जिसके एफआइपीबी में केंद्र सरकार के छह मंत्रालयों के सचिव होते हैं। आइएनएक्स के प्रस्ताव को इसी के अनुरूप छह सचिवों के हस्ताक्षर से एफआइपीबी ने हरी झंडी देकर वित्त मंत्रालय भेज दिया, जहां वित्त सचिव समेत पांच अधिकारियों ने इसका अध्ययन कर अपने हस्ताक्षर किए।