सुनीता केजरीवाल ने संभाल ली है AAP की कमान? क्यों दिल्ली की सड़कों पर उतरीं? पति के लिए हमदर्दी बटोरने की कवायद तो नहीं

चंद रोज पहले दिल्ली के रामलीला मैदान और रांची के जेएससीए स्‍टेडियम में ‘इंडिया’ ब्‍लॉक की रैलियों में मंच से अपनी बात रखने वाली सुनीता केजरीवाल शनिवार को एक और भावुक संदेश के साथ दिल्‍ली की सड़कों पर उतरीं. अपने पहले रोड शो के लिए उन्‍होंने पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र को चुना जहां से आम आदमी पार्टी ने दलित उम्‍मीदवार कुलदीप कुमार को मैदान में उतारा है. इसे जेल में बंद अपने पति अरविंद केजरीवाल के लिए जनता की हमदर्दी बटोरने और पार्टी के लिए उसका राजनीतिक लाभ लेने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है.

इससे राज्य के विपक्षी दलों को यह कहने का मौका मिलना लाजिमी है कि काम की सियासत का दावा करने वाली ‘आप’ जाति की राजनीति पर केंद्रित नजर आ रही है. लोकसभा चुनाव के लिए उम्‍मीदवारों के नामों का ऐलान करते वक्‍त भी अरविंद केजरीवाल बार-बार मीडिया का ध्‍यान इस बिंदु पर खींचते रहे कि सामान्‍य सीट पर ‘आप’ ने एक दलित को टिकट दिया है.

उनकी रैलियों की तरह सुनीता केजरीवाल का रोड शो भी अपने पति के लिए हमदर्दी जुटाने की कवायद के इर्दगिर्द ही सिमटा नजर आया. कार में कुलदीप कुमार के समीप खड़ी सुनीता केजरीवाल रास्‍ते में जुटी जनता का अभिवादन स्‍वीकार करते हुए भावुक लहजे में सिर्फ एक ही सवाल उठातीं, “अरविंद जी का क्‍या कसूर था जो उन्‍हें जेल में बंद कर दिया गया, क्या ये लोग उन्हें खत्म करना चाहते हैं.” जैसे ही वह यह सवाल करतीं, साथ चल रहे कुछ कार्यकर्ता केजरीवाल का पोस्‍टर उपर उठाते नजर आते, जिन पर “जेल का जवाब वोट से” लिखा हुआ था.

सुनीता केजरीवाल अपने पति के हाई शुगर और उन्‍हें कई दिनों तक इंसुलिन नहीं मिलने की बात उठाकर मामले की गंभीरता को रेखांकित करने की कोशिश करती रहीं. जनता को संबोधित करते हुए सुनीता केजरीवाल ने वही सारी बातें दोहराई जो इससे पहले वह अरविंद केजरीवाल की चिट्ठी और अपने वीडियो के माध्यम से जनता के सामने रख चुकी हैं.

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