मिस्त्री को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलएटी के आदेश पर लगाई रोक


उच्चतम न्यायालय ने साइरस मिस्त्री को टाटा समूह के कार्यकारी चेयरमैन पद पर बहाल करने के एनसीएलएटी के आदेश पर शुक्रवार को रोक लगा दी. एनसीएलएटी ने पिछले महीने 18 तारीख को यह आदेश दिया था. टाटा संस ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी.

मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे, न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीली न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को चुनौती देने वाली टाटा संस की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई है. कोर्ट ने मिस्त्री सहित इस मामले से जुड़े अन्य पक्षों को नोटिस जारी किया है.

एनसीएलएटी ने 18 दिसंबर को साइरस मिस्त्री को टाटा संस के एग्जिक्यूटिव चेयरमैन पद पर बहाल करने का आदेश दिया था. टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड (टीएसपीएल) ने एनसीएलएटी के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील की थी. एनसीएलएटी ने अपने आदेश में कार्यकारी चेयरमैन पद पर पर बैठाये गये एन. चंद्रशेखरन की नियुक्ति को “अवैध” ठहराया था.

साइरस मिस्‍त्री ने बीते रविवार को कहा था कि वह टाटा संस या इस ग्रुप की कंपनियों में एक्‍जीक्‍यूटिव चेयरमैन नहीं बनना चाहते हैं. इस पद से उन्हें 2016 में हटा दिया गया था. मिस्‍त्री का शापूरजी पालोनजी ग्रुप टाटा ट्रस्‍ट्स के बाद टाटा संस में सबसे बड़ा शेयरहोल्‍डर है. मिस्‍त्री ने कहा था, ”टाटा ग्रुप के हित किसी भी व्‍यक्ति के हितों से ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण हैं. इसे देखते हुए पद या अधिकार की मुझमें कोई लालसा नहीं है.”

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