गांधी मेडिकल कॉलेज (जीमएसी) भोपाल में कोरोना की वैक्सीन का तीसरे चरण्ा का ट्रायल पिछले साल तैयार की गई लाइब्रेरी में होगा। इसके लिए रविवार को यहां पर दो कक्ष तैयार किए गए हैं। इनमें एक कक्ष मरीजों के लिए है। इसमें दो बिस्तर लगाए गए हैं। पास में ही एक कक्ष डॉक्टरों के लिए बनाया गया है। इसके अलावा वैक्सीन को स्टोर करने के लिए भी एक कक्ष है। यह वैक्सीन इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) के सहयोग से भारत बायोटेक द्वारा तैयार की जा रही है। इसे को–वैक्सीन नाम दिया गया है। दोनों संस्थानों की टीम सोमवार को जीएमसी में जगह का निरीक्षण करने के लिए आएगी। पहले यह टीम रविवार को आने वाली थी, पर कक्ष तैयार नहीं हो पाने की वजह से कॉलेज प्रबंधन की तरफ से उन्हें सोमवार को आने को कहा गया है।
बता दें कि इसके पहले भी इसी महीने टीम निरीक्षण के लिए आई थी। कॉलेज प्रबंधन ने जीएमसी में ट्रायल के लिए कक्ष दिखाया था, पर भारत बायोटेक के अधिकारियों को यह जगह पसंद नहीं आई थी। वजह, वहां पर वैक्सीन को स्टोर करने के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं नहीं थीं। हमीदिया अस्पताल के अध्ाीक्षक डॉ. आइडी चौरसिया ने बताया कि संभागायुक्त के निर्देश पर लाइब्रेरी में ट्रायल के लिए कक्ष तैयार किया गया है। कंपनी को जगह उचित लगी तो तीन से चार दिन के भीतर ट्रायल शुरू हो सकता है। एक हजार लोगों पर ट्रायल किया जाना है। इनमें आधे को वैक्सीन लगाई जाएगी, जबकि आध्ो को प्लासिबो (ऐसी चीज जिसका शरीर पर कोई असर नहीं होता) लगाया जाएगा। लगाने वाले और लगवाने वाले में किसी को यह पता नहीं होगा कि किसे क्या लगाया गया है।
पीपुल्स में सिर्फ तीन महिलाएं आईं ट्रायल के लिए
इसी वैक्सीन का पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में भी श्ाुक्रवार से ट्रायल चल रहा है। दो दिन में 20 लोगों पर ट्रायल किया गया है, इसमें महिलाएं सिर्फ तीन हंै। पीपुल्स यूनिवर्सिटी के कुलपति राजेश कूपर ने कहा कि ट्रायल के लिए महिलाओं का शामिल होना जरूरी नहीं है। 18 साल से उम्र कोई भी स्वस्थ व्यक्ति ट्रायल में वैक्सीन लगवा सकता है। भोपाल ही नहीं प्रदेश में कहीं से भी लोग इसमें शामिल हो सकते हैं।