अपने देश में टार्गेट किलिंग को लेकर पाकिस्तान द्वारा भारत पर लगाए जा रहे आरोपों के कारण दोनों देशों के बीच लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है. इसी बीच अब इस मामले में अमेरिका की तरफ से भी एक स्टेटमेंट सामने आया है. बीते दिनों बार-बार आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के कारण भारत सरकार के कड़े रुख का सामना कर चुका अमेरिका अब इस मामले में सीधे टांग अड़ाने से बचता नजर आ रहा है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय का कहना है कि वो इस मामले में नहीं पड़ेंगे. हालांकि कहा गया कि अमेरिका दोनों पड़ोसी देश- भारत और पाकिस्तान को तनाव से बचने और अपने लंबित मुद्दों को बातचीत के माध्यम से हल करने के लिए प्रोत्साहित करेगा.
भारत-पाकिस्तान तनाव के संबंध में अमेरिका विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर से सोमवार को पूछा गया. उन्होंने कहा, “हम इस मुद्दे के बारे में मीडिया रिपोर्टों का देख रहे हैं. रेखांकित आरोपों पर हमारी कोई टिप्पणी नहीं है.” मिलर ने कहा कि अमेरिका “इस स्थिति के बीच में नहीं पड़ने वाला”. दोनों पक्षों को तनाव से बचने और बातचीत के माध्यम से समाधान खोजने के लिए प्रोत्साहित करेगा.
रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान को लिया था आड़े हाथ
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले हफ्ते कहा था कि अगर आतंकवादी भारत में शांति भंग करने की कोशिश करेंगे या आतंकी गतिविधियों को अंजाम देंगे तो करारा जवाब दिया जाएगा. इतना ही नहीं अगर वे पाकिस्तान भाग गए तो भारत उन्हें पड़ोसी देश में घुसकर मार गिराएगा. राजनाथ सिंह की टिप्पणियों पर पाकिस्तान की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई. पड़ोसी देश ने कहा कि वह अपनी संप्रभुता की रक्षा करने के अपने इरादे और क्षमता पर दृढ़ है.
विदेश मंत्री ने अमेरिका की लगाई थी क्लास
लोकसभा चुनाव से पहले सीएम अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस पार्टी के खाते सील करने के मामले में एक सप्ताह पहले अमेरिका की तरफ से भी बयान जारी किया गया था. इस मामले में भारत सरकार के कड़े रुख के बावजूद अमेरिका की बार-बार टिप्पणी को देखते हुए भारत ने अमेरिकी राजदूत को तलब तक कर लिया था. विदेश मंत्री एस जयशंकर की भी इस मसले पर प्रतिक्रिया सामने आई थी. उनका कहना था कि भारत के आतंरिक मामलों पर इस तरह से दखल पर करारा जवाब दिया जाएगा.