पीएमसी बैंक के ग्राहकों के सुप्रीम कोर्ट से झटका मिला हे। सुप्रीम कोर्ट ने PMC बैंक घोटाला मामले में दायर याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि हम अनुच्छेद 32 (रिट अधिकार क्षेत्र) के तहत इस याचिका की सुनवाई नहीं करना चाहते। याचिकाकर्ता उचित राहत के लिए संबंधित उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं। बता दें PMC बैंक के ग्राहकों के लिए राहत मांग रहे याचिकाकर्ता को सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करने को कहा है। इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को जानकारी दी कि सरकार इस विषय पर चिंतित है और जरूरी कदम उठा रही है।
बिजोन कुमार मिश्रा ने यह याचिका दायर की है
दिल्ली स्थित बिजोन कुमार मिश्रा ने यह याचिका दायर की है। इसमें कहा गया है कि केन्द्र सरकार और रिजर्व बैंक को यह निर्देश दिया जाना चाहिये कि राष्ट्रीयकृत बैंकों सहित विभिन्न सहकारी बैंकों में रखी खाताधारकों की खून पसीने की कमाई की पूरी तरह से सुरक्षा और बीमा होना चाहिये। इसके लिये बैंकों में जमा राशि की शत प्रतिशत सुरक्षा के लिये उचित उपाय और बीमा कवरेज सुनश्चित किया जाना चाहिये। याचिका में जमा राशि की निकासी की सीमा तय किये जाने संबंधी रिजर्व बैंक की अधिसूचना को भी निरस्त करने का आग्रह किया गया है। यह याचिका पीएमसी बैंक में पड़ी खाताधारकों की जमाराशि की सुरक्षा के वास्ते तुरंत अंतरिम उपाय किए जाने के बारे में निर्देश देने को लेकर दायर की गई है।
आरबीआई ने पीएमसी बैंक पर छह महीने के लिए लगा रखा है प्रतिबंध
वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आने के बाद आरबीआई ने 23 सितंबर को पीएमसी बैंक पर छह महीने के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। इसके तहत बैंक के जमाकर्ताओं को पूरे छह महीने में सिर्फ एक हजार रुपए निकालने की अनुमति दी गई थी। बाद में इस सीमा को बढ़ाकर पहले 10,000 रुपए और फिर से बढ़ाकर 25,000 रुपए किया गया था। आपको बता दें कि PMC बैंक की 137 शाखाएं हैं और यह देश के टॉप-10 को-ऑपरेटिव बैंकों में से एक है।