नेपाल के पीएम ‘प्रचंड’ भारत दौरे पर, रिश्ते मज़बूत करने और व्यापार को बढ़ाने पर ज़ोर 

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ अपने चार दिवसीय आधिकारिक दौरे पर बुधवार (31 मई) को भारत पहुँचे। विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने उनका स्वागत किया। अपनी इस यात्रा के दौरान दहल अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ बातचीत करेंगे ताकि सदियों पुराने सौहार्दपूर्ण संबंधों को और प्रगाढ़ बनाया जा सके। 68 वर्षीय दहल के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी भारत पहुँचा है, जिसमें 100 से अधिक सदस्य हैं।

हालाँकि इससे पहले, बुधवार शाम प्रधानमंत्री ‘प्रचंड’  अपने प्रतिनिधिमंडल के सम्मान में नेपाली दूतावास की ओर से आयोजित एक समारोह में शामिल हुए। जहां उन्होंने वहाँ मौजदू कई देशों के राजदूत, व्यापारी और समाजसेवी संस्था के प्रतिनिधियों को संबोधित किया।

नेपाली दूतावास में अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री प्रचंड ने भारत-नेपाल दोस्ती को और मज़बूत करने और व्यापार को बढ़ाने पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा, “भारत-नेपाल के बीच रिश्ते ऐतिहासिक हैं जिसे एक नई दिशा और ऊँचाई पर ले जाने की ज़रूरत है।”

 नेपाली दूतावास में मालद्वीप, भूटान के राजूदत के अलावा भारतीय राजनीति के कई दिग्गजों ने भी शिरकत की। जिसमें बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी, पूर्व राज्यपाल कोशियारी, जेडीयू के के सी त्यागी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के युवा नेता ब्रजेश त्रिपाठी के नाम प्रमुख हैं। 

प्रचंड ने दिसंबर, 2022 में कार्यभार संभाला था और उसके बाद कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-माओवादी (सीपीएन-माओवादी) नेता की यह पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा होगी। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री के साथ गए प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री नारायण प्रकाश सौद, वित्त मंत्री प्रकाश शरण महत शामिल हैं।

अपनी पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा के दौरान नेपाल के प्रधानमंत्री गुरूवार को भारतीय व्यापारिक समुदाय को संबोधित करेंगे। इसके अलावा दिल्ली में भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति से मुलाकात का भी कार्यक्रम है।  नई दिल्ली की यात्रा के बाद प्रचंड का मध्य प्रदेश जाने का कार्यक्रम है जहां वो उज्जैन और इंदौर की यात्रा करेंगे।

बताया जा रहा है कि इसके अलावा नेपाल के प्रधानमंत्री अपने भारत दौरे के दौरान बातचीत में बिजली से जुड़े मुद्दों को भी उठाएंगे। उनके आने से उम्मीद की जा रही है कि बिजली से जुड़ी ‘बाधा’ को दूर कर लिया जाएगा और नेपाल अपनी अतिरिक्त बिजली के लिए एक अनुकूल बाजार होगा। इस बीच कहा जा रहा है कि नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्रियों ने मांग की है कि प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल अपनी अगली भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने इमिनेंट पर्सन्स ग्रुप (ईपीजी) की रिपोर्ट को स्वीकार करने और दोनों देशों के बीच सीमा विवाद का मसला जरूर उठाएं। गणमान्य नागरिकों की समिति (ईपीजी) दोनों के बीच संबंध की दिशा पर सुझाव देने के लिए 2018 में बनाई गई थी।

अपनी इस यात्रा के दौरान नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ पीएम नरेंद्र मोदी के साथ भारत और नेपाल की सीमा पर बने अंतरराष्ट्रीय चेकपोस्ट का भी उद्घाटन करेंगे। जिसे 220 करोड़ रुपये की लागत से बनाकर तैयार किया गया है। भारत और नेपाल के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के लिए भारत ने उत्तर प्रदेश में यह पहला इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट तैयार किया गया है। इसके शुरू होने से दोनों देशों की सीमाओं पर लगने वाली वाहनों की लंबी कतारों से निजात मिलेगी।

-डॉ. शाहिद सिद्दीक़ी, Follow via Twitter @shahidsiddiqui

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