दिल्ली हिंसा की तैयारी महीने भर से चल रही थी : मीनाक्षी लेखी


दिल्ली हिंसा पर विपक्ष के हमले का जवाब देते हुए भाजपा की वरिष्ठ नेता और नई दिल्ली दिल्ली क्षेत्र से सांसद मीनाक्षी लेखी ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की 36 घंटे के भीतर दिल्ली हिंसा रोकने के लिए सराहना की।

लोकसभा में दिल्ली हिंसा पर चर्चा के दौरान लेखी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बचाव करते हुए कहा, दिल्ली हिंसा को 36 घंटे के भीतर रोका गया, जो अगर अगर हम बारीकी से देखें तो महीनों से जिसके लिए तैयारी हो रही थी।

केंद्रीय गृह मंत्री उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हिंसाग्रस्त इलाकों में नहीं गए थे। इस पर सवाल उठाने पर लेखी ने कहा , आप क्या चाहते हैं? गृह मंत्री पुलिस थाने में जाकर बैठ जाएं क्या? इससे पुलिस उनकी निगरानी करने लगे और सुरक्षा ध्यान बंटे?

इससे पहले केंद्र सरकार को निकम्मी सरकार करार देते हुए सदन में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने गृह मंत्री अमित शाह से इस मुद्दे को ईमानदारी से नहीं संभालने के लिए इस्तीफे की मांग की।

उन्होंने कहा कहा कि, अगर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की यात्रा स्थिति को नियंत्रित करने में मदद कर सकती थी तो गृह मंत्री दंगा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा क्यों नहीं कर सकते।

लेखी ने 1984 के दंगों को याद किया और इस हिंसक प्रकरण में कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं की संलिप्तता का आरोप लगाया जिसमें हजारों लोगों की जान गई थी।

उन्होंने कहा कि, इनमें से कुछ आरोपी आज मुख्यमंत्री को पद पर भी विराजमान हैं।

लेखी की टिप्पणी इस संदर्भ में आई जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 1984 के दंगों के लिए माफी मांगी थी।

लेखी ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बयान के बारे में भी कांग्रेस को याद दिलाते हुए कहा जिसमें राजीव ने कहा था कि जब एक बड़ा पेड़ गिरता है, तो धरती हिलती है।

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