दिल्ली सरकार के 12 कॉलेजों में बौद्ध अध्ययन विभाग खोले जाएं : डीयू शिक्षक संगठन

दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षक संगठन का कहना है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के दिल्ली सरकार से वित्त पोषित कॉलेजों में बौद्ध अध्ययन विभाग व डॉ. अम्बेडकर अध्ययन सेंटर खोले जाने चाहिए।

दिल्ली विश्वविद्यालय में बौद्ध अध्ययन विभाग की स्थापना वर्ष 1957 में हुई थी और यहां का बौद्ध अध्ययन विभाग देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक माना जाता है। साथ ही इसे यूजीसी द्वारा सेंटर फॉर एडवांस स्टरडीज की मान्यता प्राप्त है।

इस विभाग की स्थापना से लेकर अब तक मात्र एक ही कॉलेज में इस विषय की पढ़ाई होती है। उन्होंने बताया है कि डीयू के विभागों में स्नातकोत्तर स्तर पर सभी विषयों की पढ़ाई होती है।

जो विषय स्नातकोत्तर स्तर पर पढ़ाए जाते हैं, उन्हीं विषयों को कॉलेज स्तर पर पढ़ाया जाता है, लेकिन बौद्ध अध्ययन डीयू के एक मात्र सत्यवती कॉलेज (सांध्य) में ही पढ़ाया जाता है, जबकि स्नातकोत्तर स्तर पर विश्व के सर्वाधिक देशों से जैसे–श्रीलंका, बर्मा, थाईलैंड, जापान, चीन, वियतनाम, लाओस, कंबोडिया आदि देशों के छात्र हर साल दिल्ली विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर, एमफिल/पीएचडी, डिग्री, डिप्लोमा कोर्स आदि करने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के बौद्ध अध्ययन विभाग में दाखिला लेते हैं।

उन्होंने बताया है कि देश-विदेश से बौद्ध अध्ययन विभाग से शिक्षा अर्जित करने के बाद उन्हें विदेशों में नौकरी मिल जाती है, लेकिन दिल्ली विश्वविद्यालय में बौद्ध अध्ययन विषय न होने के कारण उन्हें पढ़ाने का अवसर नहीं मिलता।

दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) ने इस विषय पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को पत्र भी लिखा है। इस पत्र में यही मांग की गई है। शिक्षकों ने दिल्ली सरकार से कहा है कि कॉलेजों में इस विभाग के खुलने से छात्रों व शिक्षकों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। साथ ही बौद्ध अध्ययन विषय देश-विदेश में भारत का प्रतिनिधित्व करेगा, जिससे भारत के साथ अन्य देशों का आध्यात्मिक और वैचारिक रिश्तों में मजबूती आएगी।

शिक्षक संगठन डीटीए का कहना है कि दिल्ली सरकार ने जय भीम योजना के अलावा स्कूलों में अंबेडकर व आजादी के अन्य नायकों को पढ़ाने का पाठ्यक्रम बनाया है।

डीटीए के अध्यक्ष प्रोफेसर हंसराज सुमन ने चिंता व्यक्त की है कि जिस तरह डीयू के विभागों के विषयों की पढ़ाई स्नातक स्तर पर कॉलेजों में होती है, उसी तरह दिल्ली सरकार के वित्त पोषित सभी कॉलेजों में स्नातक स्तर पर बौद्ध अध्ययन की व्यवस्था होनी चाहिए। इसी के मद्देनजर प्रोफेसर सुमन ने दिल्ली के मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री के सामने दिल्ली सरकार के वित्त पोषित सभी कॉलेजों में बौद्ध अध्ययन की शिक्षा दिए जाने को लेकर बौद्ध अध्ययन विभाग खोले जाने की मांग दोहराई है।

उन्होंने बताया है कि अभी तक दिल्ली सरकार से संबद्ध सत्यवती कॉलेज (सांध्य) में ही बौद्ध अध्ययन विभाग की स्थापना हुई है। उन्होंने बताया है कि दिल्ली सरकार का यह एक मात्र ऐसा कॉलेज है, जहां बौद्ध अध्ययन की शिक्षा दी जाती है। यहां से अध्ययन कर छात्र देश-विदेशों में बौद्ध अध्ययन से संबद्ध शिक्षा, दर्शन, समाजशास्त्र, इतिहास और इससे संबद्ध साहित्य में शोध व अध्यापन कार्य कर रहे हैं।

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