जामिया में हिंदू-मुस्लिम एकता के नारे, सीएए का विरोध


जामिया विश्वविद्यालय के बाहर शुक्रवार को उमड़ी हजारों लोगों की भीड़ में जगह-जगह हिंदू-मुस्लिम एकता के नारे लगे। हिंदू मुस्लिम भाईचारा हिंदुस्तान है हमारा लिखे बैनर व पोस्टर पूरे जामिया में कई जगह लगाए गए थे। जामिया में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शुक्रवार को छोटी बच्चियां भी शामिल हुई। भीड़ में महिलाओं की संख्या भी अच्छी खासी रही। बड़ी तादाद में यहां आई महिलाएं स्कूल जाने वाले अपने छोटे बच्चों को भी प्रदर्शन में साथ लेकर आई।

जामिया व उसके आसपास के सभी इलाकों में शुक्रवार को सारे बाजार, स्कूल व छोटे बड़े संस्थान बंद रखे गए। ऐसा इसलिए किया गया ताकि यहां काम करने वाले अधिकांश लोग जामिया विश्वविद्यालय के बाहर चल रहे नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने के लिए पहुंचे सकें। प्रदर्शनकारियों की यह रणनीति कामयाब भी रही।

हजारों प्रदर्शनकारियों की मौजूदगी व नारों के शोर शराबे के बावजूद यहां प्रदर्शन कुल मिलाकर शांतिपूर्ण रहा। इसका एक बड़ा कारण यह रहा कि प्रदर्शनकारियों यहां अपने परिवारों व खासतौर पर बच्चों के साथ पहुंचे थे। हालांकि बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने जामिया समेत कुछ मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए ताकि और अधिक लोग यहां न पहुंच सकें।

यहां प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों लोगों ने शुक्रवार को तिरंगा यात्रा भी निकाली। हाथों में तिरंगा लिए ये प्रदर्शनकारी देशभक्ति के समर्थन व सीएए के विरोध में नारा लगा रहे थे। इस दौरान कई बार एंबुलेंस भी जामिया कैंपस के सामने से गुजरी। जहां भीड़ के कारण अन्य वाहनों की आवाजाही लगभग ठप रही वहीं एंबुलेंस के आते ही छात्रों ने एंबुलेंस के लिए रास्ता बनाया और एंबुलेंस बिना देरी के प्रदर्शन स्थल से निकल गई।

जामिया में हजारों की भीड़, नारों के शोर व सड़कों के घेराव के बावजूद पुलिस ने इस पूरे प्रदर्शन के दौरान कोई हस्तक्षेप नहीं किया। पुलिस ने प्रदर्शन स्थल से दूरी बनाए रखी और प्रदर्शन स्थल के आसपास बावर्दी किसी भी तरह की पुलिस तैनाती भी नहीं रही। किसी भी अनहोनी घटना को रोकने के लिए पुलिस जामिया कैंपस से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर सुखदेव विहार के आसपास मौजूद रही, पुलिस के ये टुकड़ियां प्रदर्शन स्थल पर नहीं गई।

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