क्रिसमस पर जश्न के बीच अल्पसंख्यक आयोग का “प्रीचिंग ऑफ जेसस”

दिल्ली- २५ दिसंबर को क्रिसमस हर साल ईसाई समुदाय के लोग इसे ईसा मसीह के जन्मदिवस के रूप में मनाते हैं और एक-दूसरे को उपहार देते हैं। इसके अलावा गिरजाघरों और अपने घरों को आकर्षक ढंग से भी सजाते हैं| जहां दिल्ली स्थित चर्च और दूतावास आकर्षक ढंग से सजावट के साथ अपने-अपने अंदाज में पारंपरिक तरीक़े से क्रिसमस मनाई ,वहीं इन सब के अलग दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने अपने अनोखे अंदाज में क्रिसमस मनाया। रूसी दूतावास ने बैले डांस और नाटक का मंचन किया तो अमेरिकी दूतावास में संगीत का कार्यक्रम कर लोगों को बधाई दी।

लेकिन, दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने प्रभु ईसा मसीह के संदेश को अल्पसंख्यक आयोग ने सेमिनार “द प्रीचिंग ऑफ जेसस” के माध्यम से अन्य धर्म के लोगों को जोड़ने की कोशिश की। शनिवार को दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग द्वारा आयोजित  इस सेमिनार में क़रीब सभी धर्मों के लोग शामिल हुए। क्रिसमस के मौक़े पर आयोजित सेमिनार में मौजूद सामाजिक कार्यकर्ताओं के अलावा चर्च के पादरियों ने भी हिस्सा लिया।

सेमिनार में मौजूद दिल्ली के एक चर्च के पादरी ने कहा “ईसाई मान्यताओं के अनुसार आज से हजारों साल पहले नाजरेथ में गेब्रियल नामक एक स्वर्गदूत ने मरियम को दर्शन दिया और कहा कि तू पवित्र आत्मा की ओर से गर्भवती होगी और एक पुत्र देगी जिसका नाम यीशु रखा जाएगा. बेतलहम में मरियम ने एक बच्चे को जन्म दिया, जिसका नाम यीशु रखा| यीशु दुनिया को शान्ति का सन्देश देने के लिए आये थे और आज हमे इसी सन्देश को फैलाना है और समाज में जो बुराईयां पनप रही हैं हम सबको उनके खिलाफ एक जुट होकर रोकना है ताकि हमारा आने वाला भविष्य बेहतर बन सके|”

अल्पसंख्यक आयोग में पीस कमेटी के सदस्य एवं वरिष्ठ समाजसेवी जनाब देहलवी ने ईसाई समाज के लोगों को बधाई देते हुए कहा, “ईसा के ऊपर ईमान रखते हैं और उनको अपना पैगम्बर मानते हैं जिनको अल्लाह ने दुनिया में अमन और शान्ति को फैलाने के लिए भेजा| मुसलमान और ईसाई भाई का ये यक़ीन है के हज़रत ईसा दुनिया से बुराई को मिटाने और खुदा का हुकुम नाज़िल करने के लिए दोबारा आएंगे और दुनिया में अमन और सुकून कायम करेंगे|” उन्होंने अल्पसंख्यक समाज को एक सन्देश भी दिया के “हम अल्पसंख्यक समाज जिसमे मुस्लिम, ईसाई, सिख, जैन, बुद्धिस्ट और पारसी भाई आते हैं, अपने को मज़बूत करना है और ये मज़बूती तब आएगी जब हुमारे समाज का हर एक व्यक्ति कलम की ताकत को पहचान जायेगा और अपने अधिकारों के बारे में जान ने लगेगा क्योंकि ये देखने को मिलता है इस अल्पसंख्यक आयोग से बहुत कम लोग फायदा उठा पाते हैं क्योंकि अधिकतर लोगों को इसकी ताकत के बारे के पता ही नहीं होता| ये आयोग सभी अल्पसंख्यकों का न्यायालय है जहाँ अल्पसंख्यक से जुड़ी लोगों की समस्या का समाधान मिलता है लेकिन इसके लिए हमे सबसे पहले अपने डाक्यूमेंट्स को ठीक करना होगा ताकि  आयोग के अंदर आने वाली स्कीमों का लोगों को फायदा मिल सके|”

 आख़िर में  दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ज़ाकिर खान ने अपने संबोधन में ईशा मसीह के संदेशों की याद दिलाते हुए देश में सुख-समृधि के लिए प्रार्थना भी की। उन्होंने अपने संबोधन में आयोग के सदस्यों को उनके कर्तव्यों की याद दिलाते हुए कहा कि देश और समाज को हमसे काफ़ी उम्मीदें हैं। हमें हर धर्म और जाति के लोगों को साथ लेकर चलना होगा, ताकि समाज का कोई भी तबका पीछे न रह जाए। 

दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ज़ाकिर खान ने देश की मौजूदा हालात पर ज़ोर डालते हुए कहा, “दिल्ली में शांति और सौहार्द बनाए रखने और अन्याय के खिलाफ असहाय की मदद के लिए आयोग में पीस कमेटी है, जिसके सदस्य मजबूर की आवाज़ बनकर आयोग से मदद ले सकते हैं। इसके अलावा समाज में शिक्षा से वंचित बच्चों को स्कूल में दाखिल कराने या गरीब परिवार के बच्चों की फ़ीस वापस कराने में भी आयोग मदद करता है।”

“द प्रीचिंग ऑफ जेसस” सेमिनार के आख़िर में वहाँ मौजूद पादरी ने सभी लोगों के साथ एक प्रार्थना की और प्रभु येशु से माँग की कि देश और दुनिया से नफ़रत का ख़ात्मा हो और सभी धर्मों के लोग आपस में मिलजुल कर रहें। और साथ ही पीस कमेटी में शामिल किए गए नए सदस्यों को प्रमाण पत्र भी दिए गए।

-आमिर सिद्दीकी, संवाददाता

इसे शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *