नई दिल्ली – 23 दिसंबर को हुई राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएसएससी) की बैठक में जल जीवन मिशन के तहत उत्तराखण्ड के लिए 164.03 करोड़ रुपये की पेयजल आपूर्ति योजनाएं मंजूरी की गई।
इस योजना से नैनीताल जिले के 9 गांवों के 3 हजार से अधिक लोगों को नल से स्वच्छ जल उपलब्ध होगा। इसी तरह, उत्तरकाशी में कंदारी बहु-ग्राम योजना और देहरादून में मोतीधार पनियाला योजना से इन दोनों जिलों के 25 गांवों में रहने वाले 7 हजार से अधिक लोग लाभान्वित होंगे।
23 दिसंबर को हुई राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएसएससी) की बैठक में जल जीवन मिशन के तहत उत्तराखण्ड के लिए 164.03 करोड़ रुपये की पेयजल आपूर्ति योजनाएं मंजूरी की गई। इस योजना से नैनीताल जिले के 9 गांवों के 3 हजार से अधिक लोगों को नल से स्वच्छ जल उपलब्ध होगा।
इसी तरह, उत्तरकाशी में कंदारी बहु-ग्राम योजना और देहरादून में मोतीधार पनियाला योजना से इन दोनों जिलों के 25 गांवों में रहने वाले 7 हजार से अधिक लोग लाभान्वित होंगे। इस बैठक में मंजूर की गई सभी आठ जल आपूर्ति योजनाएं, बहु-ग्राम योजनाएं हैं। इनके तहत 9,200 से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल जल कनेक्शन प्रदान किया जाएगा।
इन आठ योजनाओं से अल्मोड़ा, बागेश्वर, देहरादून, नैनीताल और उत्तरकाशी जिले के 140 गांवों को लाभ होगा। अल्मोड़ा जिले में मासी, मांगुरखाल और झिमर बहु-ग्राम नल के जल की आपूर्ति योजनाओं से 68 गांवों में रहने वाले लगभग 20 हजार लोग लाभान्वित होंगे। वहीं, बागेश्वर जिले में शमा और बैदामाझेरा बहु-ग्राम नल जल आपूर्ति योजनाओं से 38 गांवों के लगभग 18 हजार लोगों को लाभ होगा।
इसके अलावा बसगांव लोशज्ञानी बहु-ग्राम नल जल आपूर्ति योजना से नैनीताल जिले के 9 गांवों के 3 हजार से अधिक लोगों को नल से स्वच्छ जल उपलब्ध होगा। इसी तरह, उत्तरकाशी में कंदारी बहु-ग्राम योजना और देहरादून में मोतीधार पनियाला योजना से इन दोनों जिलों के 25 गांवों में रहने वाले 7 हजार से अधिक लोग लाभान्वित होंगे।
इन सभी गांवों को गर्मी के मौसम में पेयजल की गंभीर समस्या का सामना करना पड़ता है। हालांकि, अब उम्मीद है कि दिसंबर, 2022 तक जब ये योजनाएं पूरी हो जाएंगी, इन 140 गांवों में रहने वाले 48 हजार से अधिक लोगों को अगले 30-40 वर्षों तक नियमित आधार पर पर्याप्त स्वच्छ नल के जल की आपूर्ति होती रहेगी।
बीते दो महीनों में, एसएलएसएससी ने उत्तराखंड के 11 जिलों में स्थित 846 गांवों के 58.5 हजार परिवारों के लिए 714 करोड़ रुपये की पेयजल आपूर्ति योजनाओं को मंजूरी दी है। इन योजनाओं से 3 लाख से अधिक लोग लाभान्वित होंगे। इससे उन महिलाओं और बच्चों को कठिन श्रम से काफी राहत मिलेगी, जिन्हें हर दिन घर से दूर स्थित जल स्रोतों से पानी लाने में कई घंटे खर्च करने पड़ते हैं।