कोविड-19: मप्र में कोरोना का असर हुआ कम, पटरी पर लौट रही जिंदगी

मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का तेजी से असर कम हो रहा है, और मरीजों की संख्या में भी कमी आ रही हैं। यही कारण है कि जिंदगी केा पटरी पर लाने के प्रयास तेज हो चले है।

एक तरफ जहां रात के कर्फ्यू के अलावा तमाम प्रतिबंधों केा खत्म कर दिया गया है, वहीं शिक्षण संस्थान पूरी क्षमता के साथ खेाले जा रहे हैं।

राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या मंे तेजी से गिरावट आ रही है। बीते 24 घंटों में राज्य में ढाई हजार से कम मरीज सामने आए है, इंदौर और भोपाल हॉट स्पाट बन चुका था, वहां भी मरीजों की संख्या में तेजी से गिरावट आ रही हैं। इंदौर में 220 और भोपाल में 512 मरीज सामने आए।

मरीजों की संख्या में आ रही कमी के कारण प्रदेश में समस्त सामाजिक, व्यावसायिक, सांस्कृतिक , राजनीतिक धार्मिक, मनोरंजन, खेलकूद आदि तथा मेले के आयोजन पूर्ण क्षमता से करने की पहले ही छूट दी जा चुकी है।

इसके साथ ही विवाह समारोह और अंतिम संस्कार में संख्या की पाबंदी को खत्म किया जा चुका है।

अब स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी संस्थान पूरी क्षमता के साथ खोलने के आदेश जारी कर दिए है। इसमें कहा गया है कि सभी विद्यालय, आवासीय विद्यालय, छात्रावास और पहली से 12वीं तक की सभी कक्षाएं शत प्रतिशत उपस्थिति के साथ संचालित होंगी। वहीं रात्रिकालीन क़र्फ्यू 11 बजे से सुबह पांच बजे तक लागू रहेगा।

कोरेाना के कम हेाते असर के साथ हटाई जा रही पाबंदियों के बीच सरकार की ओर से आम जन से लगातार कोरोना प्रोटोकॉल के पालन की अपील की जा रही है। राज्य में कोरोना से सुधरते हालात ने जहां सरकार को राहत दी है तो वहीं आम जिंदगी भी पटरी पर लौट चली है, काम धंधे गति पकड़ रहे हैं तो वहीं बाजार भी गुलजार हो रहे है।

कोरेाना के कारण पड़ी आर्थिक मार से उबरने की संभावनाएं हिलोरे मारने लगी है। इसके साथ ही कोरेाना प्रोटोकॉल के पालन में लगातार लापरवाही भी सामने आ रही है, यही कारण है कि कई जगह जुमार्ना भी लगाया जा रहा है।

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