‘कैमरे के पीछे न छिपें…’ उमर अब्दुल्ला ने किसे दे डाली खुली चुनौती? हिम्मत है तो मेरे खिलाफ

नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद को चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि वह ‘कैमरे के पीछे छिपने’ और उनकी पार्टी को निशाना बनाकर बयान देने के बजाय उनके खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ें.

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला उत्तरी कश्मीर के बारामूला संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं. वह वर्तमान में ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) गठबंधन के उम्मीदवार चौधरी लाल सिंह के लिए समर्थन जुटाने के वास्ते चिनाब घाटी क्षेत्र के चार दिवसीय दौरे पर हैं.

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री आजाद को अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट से डीपीएपी उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया था, लेकिन उन्होंने बाद में कहा कि वह अपनी उम्मीदवारी को लेकर निश्चित रूप से नहीं बता सकते क्योंकि पार्टी ने उनसे इस बारे में सलाह नहीं ली थी. अब्दुल्ला ने डोडा जिले के थाथरी इलाके में अपने रोड शो के अलग संवाददाताओं से कहा, ‘मैं उन्हें (आजाद को) चुनौती देता हूं कि वह अपनी ताकत आजमाने के लिए मेरे खिलाफ (चुनाव) लड़ें. कैमरे के पीछे छिपना और (नेकां के खिलाफ) बयान देना बहुत आसान है. अगर वह मर्द हैं तो वह मेरे खिलाफ लड़ें. मैं देखूंगा कि उन्हें कितने वोट मिलते हैं.’

अब्दुल्ला ने खराब मौसम के बावजूद लाल सिंह के समर्थन में अपना रोड शो जारी रखा. लाल सिंह केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. आजाद द्वारा अपनी चुनावी रैलियों में नेकां पर निशाना साधे जाने के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने दावा किया कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर ऐसा कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘हम आजाद के खिलाफ तब तक नहीं बोले (जब उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और 2022 में अपनी पार्टी बनाई), जब तक उन्होंने नेकां अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला को निशाना बनाना शुरू नहीं किया. हमने उन्हें अपना मित्र माना लेकिन वह भाजपा के मित्र निकले.’ नेकां को निशाना बनाना आजाद की मजबूरी है क्योंकि वह भाजपा को निशाना नहीं बना सकते.’

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