एससीओ बैठक में सुषमा, कुरैशी ने एक-दूसरे का किया अभिवादन

बिश्केक। भारत एवं पाकिस्तान के संबंधों में तनाव के बीच विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी ने यहां बुधवार को आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की एक बैठक में एक-दूसरे का अभिवादन स्वीकार किया और किर्गिज राष्ट्रपति से संयुक्त मुलाकात के दौरान एक दूसरे के अगल-बगल बैठे नजर आये। स्वराज और कुरैशी ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों के परिषद की बैठक में हिस्सा लिया। रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपतियों ने 2001 में शंघाई में शिखर सम्मेलन में एससीओ की स्थापना की थी। पाकिस्तानी मीडिया ने खबर दी है कि दोनों नेता एससीओ के विदेश मंत्रियों की बहुपक्षीय बैठक के दौरान एक दूसरे के अगल-बगल में बैठे। पाकिस्तानी मीडिया की ओर से प्रकाशित तस्वीरों में सुषमा और कुरैशी एक दूसरे के अगल-बगल बैठे नजर आए।

सुषमा-कुरैशी बैठक के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि दोनों नेताओं ने केवल एक-दूसरे का अभिवादन स्वीकार किया। उन्होंने कहा, ‘‘उनके बीच कोई बैठक नहीं हुई।’’

उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं की तस्वीर किर्गिज राष्ट्रपति सूरोनबे जीनबेकोव के साथ संयुक्त मुलाकात की है। सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तानी मीडिया की यह खबर ‘‘तथ्यात्मक रूप से गलत और गुमराह करने वाली है’’ कि दोनों नेता एससीओ बैठक में एक-दूसरे के अगल-बगल में बैठे।

उन्होंने कहा, ‘‘एससीओ में बैठने की व्यवस्था रूसी वर्णमाला के अनुसार होता है जिसके तहत भारत और पाकिस्तान एक साथ नहीं आ सकते। यह एससीओ बैठकों की आदर्श परंपरा है।’’एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिये सुषमा मंगलवार को किर्गिज गणराज्य की राजधानी पहुंचीं।

भारत को 2017 में पाकिस्तान के साथ एससीओ सदस्यता प्रदान की गयी। एससीओ बैठक के लिये रवाना होने से पहले इस्लामाबाद में कुरैशी ने कहा था कि क्षेत्रीय मंच के उद्घाटन सत्र को संबोधित करने के अलावा वह अन्य देशों के अपने समकक्षों के साथ भी बैठक करेंगे। पाकिस्तान से संचालित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद द्वारा पुलवामा में 14 फरवरी को किये गए आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों की मौत के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था। लोगों में इसको लेकर आक्रोश के बीच भारतीय वायु सेना ने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविर को गत 26 फरवरी को निशाना बनाया था।

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