एयरटेल, वोडाफोन आईडिया एजीआर आदेश पर विचार कर रहीं : सूत्र


समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) को लेकर रिलायंस जियो को छोड़कर के प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करने जा रही हैं। वोडाफोन के सीईओ निक रीड के बयान जारी करने के एक दिन बाद ही एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया ऐसा करने की तैयारी कर चुकी है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार का पक्ष मानते हुए सभी टेलीकॉम कंपनियों को 1.3 लाख करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए कहा था। इसमें से 80 हजार करोड़ रुपये केवल भारती एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया को जमा करने हैं।

पहले वोडाफोन-आइडिया दायर करेंगे याचिका
इस भुगतान को करने से पहले से बेहाल चल रहीं इन कंपनियों पर काफी आर्थिक बोझ पड़ेगा। कंपनियों का कहना है कि वो सुप्रीट कोर्ट से अनुरोध करेंगी कि वो जुर्माना राशि और ब्याज में कमी करें। इसके साथ ही अन्य गैर जरूरती आइटम को एजीआर की गणना से हटाया जाए। एक सूत्र ने बताया कि सबसे पहले वोडाफोन-आइडिया इस मामले में याचिका दायर करेगी। एक हफ्ते बाद एयरटेल इस मामले को लेकर के सुप्रीम कोर्ट जाएगी।
1.3 लाख करोड़ का है एजीआर

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, रिलायंस जियो को छोड़कर के सभी टेलीकॉम कंपनियों को कुल 1.3 लाख करोड़ रुपये लाइसेंस फीस, स्पेक्ट्रम यूसेज चार्ज, जुर्माना और ब्याज के तौर पर चुकाने हैं। सूत्र ने बताया कि दोनों कंपनियां केवल कुछ मुद्दों को लेकर के पुनर्विचार करने के लिए कोर्ट से कहेगीं। कंपनियां पूरे आदेश के खिलाफ नहीं जाएंगी।

वोडाफोन सीईओ ने दी थी चेतावनी
एजीआर से वोडाफोन के भविष्य पर ही सवाल उठने लगे हैं। ब्रिटेन की कंपनी वोडाफोन ने भारत सरकार से कहा कि प्रावधानों में बदलाव होने तक वोडाफोन भारत में कोई पूंजी नहीं लगाएगी। कंपनी ने भारत में हो रहे बदलावों को ‘विनाशकारी और भारत में वोडाफोन के बड़े दांव को आखिरी मुकाम’ तक पहुंचाने वाला बताया। ब्रिटेन के मीडिया ने इसे वोडाफोन की भारत सरकार को चेतावनी करार दिया है।

वोडाफोन ने भारतीय अधिकारियों से कहा कि जब तक उसे मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो के साथ प्रतिस्पर्धा का मौका नहीं दिया जाता है, वह अपने भारतीय कारोबार में कोई नई पूंजी नहीं लगाएगी। ब्रिटेन की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वोडाफोन के सीईओ निक रीड ने सभी व्यावहारिक उद्देश्यों से भारत को सरकार को चेतावनी दे दी है। रीड की चेतावनी से सरकार को अवगत करा दिया गया है।

2007 में भारत में रखे थे कदम
वोडाफोन ने ने वर्ष 2007 में अरबों पाउंड से अधिग्रहण के साथ भारतीय बाजार में कदम रखे थे। तब से अब तक कंपनी भारत में अरबों डॉलर लगा चुकी है और हमेशा से ही उम्मीद करती रही है कि एक दिन उसे भारतीय बाजार से अच्छा रिटर्न मिलेगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक, ‘भले ही भारतीय अधिकारियों ने वोडाफोन का शानदार स्वागत किया था, लेकिन आगाज के बाद से ही वह राजनेताओं और कर अधिकारियों के लिए आसान टारगेट बनी हुई है। उसके निवेश की वैल्यू लगभग खत्म हो चुकी है।’

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