एक्सिस बैंक का मुनाफा 1,505 करोड़ रुपये

नई दिल्ली। 31 मार्च को खत्म हुई तिमाही में एक्सिस बैंक का शुद्ध मुनाफा 1,505.06 करोड़ रुपये रहा। गुरुवार को एक्सिस बैंक ने यह जानकारी दी। प्राइवेट बैंक को पिछले साल इसी तिमाही में 2,188.74 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। ईटी नाउ पोल में विश्लेषकों ने एक्सिस बैंक को 1,615 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान लगाया था।

प्रोविजन और कॉन्टिजेंसीज में पिछले साल की तुलना में 62 प्रतिशत की कमी जबकि पिछली तिमाही की तुलना में 11.24 प्रतिशत की कमी के साथ 2,711.43 करोड़ रुपये रहा।

फाइनैंशल इयर 2019 की चौथी तिमाही में बैंक की एसेट क्वॉलिटी में सुधार हुआ। इसके साथ ही ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स 5.75 प्रतिशत से गिरकर 5.56 प्रतिशत पर रह गया। पिछले साल इसी तिमाही में यह आंकड़ा 6.77 प्रतिशत रहा था।

कंपनी ने बताया कि शुद्ध एनपीए पिछली तिमाही के 2.36 प्रतिशत की तुलना में 2.06 प्रतिशत पर आ गया। वहीं पिछले साल साह तिमाही में यह 3.40 प्रतिशत रहा था। 2019 क चौथी तिमाही में ऑपरेटिंग प्रॉफिट पिछले साल की तुलना में 37 प्रतिशत बढ़कर 5,014 करोड़ रुपये हो गया।

वहीं बैंक की शुद्ध कमाई 21 प्रतिशत बढ़कर 5,706 करोड़ रुपये हो गई। नेट इंट्रेस्ट मार्जिन 3.44 प्रतिशत पर रहा।

पूरे वित्त वर्ष की बात करें तो फाइनैंशल इयर 2018 में 276 करोड़ रुपये की तुलना में 2019 में 4,677 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ। 2019 में ऑपरेटिंग प्रॉफिट 22 प्रतिशत बढ़ गया। ग्रॉप स्लिपेज में 19 प्रतिशत की कमी आई है।

31 मार्च को बैंक की बैलेंस शीट 16 प्रतिशत की ग्रोथ के साथ 8,00,997 करोड़ रुपये रही। बैंक के अडवांसेज पिछले साल की तुलना में 31 मार्च को 13 प्रतिशत बढ़कर 4,94,798 करोड़ रुपये रहा।

इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो की बुक वैल्यू 1,74,969 करोड़ रुपये रही जिसमें से 1,20,239 करोड़ रुपये गवर्नमेंट सिक्यॉरिटीज में निवेश हुआ। वहीं 40,169 करोड़ रुपये कॉर्पोरेट बॉन्ड्स में जबकि 14,561 करोड़ रुपये दूसरी सिक्यॉरिटीज जैसे इक्विटी, प्रीफरेंस शेयर्स और दूसरे म्यूचुअल फंड्स में निवेश हुआ।

बैंक ने फाइनैंशल इयर 2019 के दौरान 3,012 करोड़ रुपये के स्लिपेज की पहचान की। बता दें कि 2019 की तीसरी तिमाही में 3,746 करोड़ जबकि वित्त वर्ष 2018 की चौथी तिमाही में 16,536 करोड़ रुपये के स्लिपेज की पहचान हुई थी।

बैंक ने इस तिमाही में साधारण एनपीए प्रोविजन के अलावा 1,300 करोड़ रुपये से ज्यादा के अतिरिक्त प्रोविजन भी हासिल किए। ये प्रोजिन स्टैंडर्ड पीसीआर कैलकुलेशन में शामिल नहीं हैं।

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