इन्‍हें बंद किया जाता है…तालिबान सरकार का तुगलकी फरमान, इस्लामिक मूल्‍यों के विरुध बता अब किस चीज पर लगाई रोक?

भारत के पड़ोसी देश अफगानिस्‍तान की सत्‍ता में आने के बाद तालिबान एक के बाद एक कड़े बड़े और कठोर निर्णय ले रहा है. महिला की आजादी पर तालिबान में पहले ही काफी प्रतिबंध लगाए जा चुके हैं. अब तालिबान सरकार ने अफगानिस्तान के दो टीवी स्टेशनों पर बड़ी कार्रवाई की है. तालिबान ने इस स्‍टेशनों के प्रसारण पर यह कहते हुए रोक दी है कि वे ‘राष्ट्रीय और इस्लामी मूल्यों को संजोने’ में विफल रहे हैं.

सूचना मंत्रालय के मीडिया उल्लंघन आयोग के अधिकारी हफीजुल्लाह बराकजई ने कहा कि काबुल स्थित एक अदालत इन दो स्टेशनों की फाइलों की पड़ताल करेगी. अदालत के फैसला सुनाने तक नूर टीवी और बरया टीवी काम नहीं कर सकते. अधिकारी ने कथित उल्लंघन पर कोई और विवरण नहीं दिया. साल 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद कई पत्रकारों की नौकरी चली गई है और मीडिया प्रतिष्ठान धन की कमी के कारण बंद हो गए हैं या इनके कर्मचारियों ने देश छोड़ दिया है. अफगानिस्तान में कार्य और यात्रा संबंधी रोक के कारण महिला पत्रकारों को अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. दोनों प्रसारकों की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई.

अफगान हिंदू-सिखों को मिला उनका भूमि अधिकार
उधर, तालिबान सरकार ने हाल ही में अफगान हिंदू और सिख अल्पसंख्यकों को उनका भूमि अधिकार बहाल किया. भारत ने तालिबान शासन के इस कदम को सकारात्मक घटनाक्रम बताया था. खबरों के अनुसार तालिबान प्रशासन ने हिंदू और सिख समुदायों के संपत्ति अधिकारों को बहाल करने के लिए कदम उठाया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, ‘हमने इस मुद्दे पर खबरें देखी हैं. अगर तालिबान प्रशासन ने अफगान हिंदू और सिख समुदाय के अपने नागरिकों का संपत्ति का अधिकार बहाल करने का फैसला किया है, तो हम इसे एक सकारात्मक घटनाक्रम के रूप में देखते हैं.’

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