इंजीनियरिंग छोड़ शुरू की खेती, अब हर साल कमाते हैं लाखों!

किसान अनपढ़ होते हैं! यह धारणा ज्यादातर लोगों के दिमाग में बैठ चुकी है। क्योंकि किसानी को मजूदरी ही समझा जाता है!
लेकिन किसानी एक तरह की कला है, जो हर किसी के बस की बात नहीं। लेकिन किसानों के खराब हालात लोगों को इस पेशे से दूर कर रहे हैं। ऐसे में 28 वर्षीय अनूप पाटिल उन लोगों के लिए मिसाल हैं, जो खेती-बाड़ी से दूर भाग रहे हैं। अनूप कहते हैं, ‘अपना चक्रव्यूह आप खुद रचते हैं, जरूरत है तो बस इससे निकलने के लिए थोड़ी हिम्मत दिखाने की।’

अनूप कभी एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हुआ करते थे। ठीक-ठाक सैलेरी मिल जाती थी उन्हें। लेकिन वो अपनी नौकरीशुदा जिंदगी से ऊब चुके थे। वो हफ्ते में 6 दिनों तक सिर्फ संडे के इंतजार में काम करते थे। यह सिलसिला लगभग 4 वर्षों तक चला। खैर, अब आजाद हैं और अपने मन का काम कर रहे हैं। बता दें, उन्होंने दो साल पहले अपनी नौकरी को अलविदा कहा।

अनूप पुणे में एक फ्लैट में रहते थे। उन्होंने नौकरी छोड़ने के तीन महीने बाद भी किसी को इसके बारे में नहीं बताया था। हालांकि, इस बीच उन्होंने गुजरात, कर्नाटक और महाराष्ट्र में किसानों से मुलाकात की और बाजार व खेती से जुड़ी अहम जानकारियां जुटाईं। इसके बाद उन्होंने खेती करने की एक योजना बनाई और महाराष्ट्र के सांगली जिले में स्थित अपने गांव नागराले लौट गए।

जिंदगी में बढ़ना चाहते थे ..

किसानी को चुनने पर अनूप कहते हैं, ‘मैं हमेशा किसी की नौकरी करते हुए नहीं बिताना चाहता था। मैंने अपने सीनियर्स को देखा था। दिमाग में यह बात साफ थी कि नौकरी करने वाला कभी भी उतना आगे नहीं बढ़ सकता, जितना नौकरी देने वाला बढ़ सकता है।’

12 एकड़ जमीन पर करते हैं खेती

अब अनूप अपनी 12 एकड़ जमीन पर शिमला मिर्च, मक्का, गन्ना और गेंदे के फूल आदि की खेती करते हैं। बीते साल खेती से उनकी कमाई 20 से 25 लाख रुपये तक रही। इस साल उन्हें इससे भी अधिक कमाई की उम्मीद है। खैर, अनूप खुद खेती नहीं करते उन्होंने 10 से 15 मजदूर रखे हैं, जो उनके लिए खेती करते हैं। अनूप अपनी कमाई पर कहते हैं, ‘इंजीनियर की जॉब में मेरी सालाना आय 6.5 लाख रुपये थी। अब मेरी आमदनी दोगुनी है और सबसे बड़ी बात कि मैं अपने काम से संतुष्ट हूं।’

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