जेनेवा, 4 मार्च | घर के अंदर और बाहर वायु प्रदूषण एक मूक और अदृश्य हत्यारा बन चुका है। एक आंकड़े के मुताबिक यह हर साल 6 लाख बच्चों समेत 70 लाख लोगों की असामयिक मौत के लिए जिम्मेदार माना गया है।
पर्यावरण और मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत डेविड आर. बॉयड के मुताबिक, छह अरब से ज्यादा लोग इतनी प्रदूषित हवा में सांस ले रहे हैं, जिसने उनके जीवन, स्वास्थ्य और बेहतरी को खतरे में डाल दिया है। इसमें एक-तिहाई संख्या बच्चों की है।
बॉयड ने जेनेवा में मानवाधिकार परिषद के दौरान कहा, “कई वर्षो तक प्रदूषित हवा में सांस लेने के कारण कैंसर, सांस की बीमारी या हृदय की बामारी से पीड़ित रहने के बाद, हर घंटे 800 लोग मर रहे हैं। फिर भी इस तरह पर्याप्त ध्यान नहीं है, क्योंकि ये मौतें उस तरह नाटकीय नहीं हैं, जिस तरह अन्य आपदाओं या महामारी से होने वाली मौतें होती हैं।”
उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण एक ऐसी समस्या है, जिसे रोका जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने स्वच्छ हवा सुनिश्चित करने के लिए कानूनी दायित्वों को निभाने का आग्रह किया, जो जीवन, स्वास्थ्य, जल एवं स्वच्छता, उचित घर और एक स्वस्थ वातावरण के अधिकारों को पूरा करने के लिए जरूरी है।