इंग्लैंड के अस्पतालों में भर्ती 85 प्रतिशत ओमिक्रॉन संक्रमित मरीजों को नहीं मिली बूस्टर डोज : रिपोर्ट

इंग्लैंड के अस्पतालों में भर्ती होने वाले कोविड-19 के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से प्रभावित अधिकतर रोगियों को बूस्टर खुराक नहीं मिली है। आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।

डेलीमेल की रिपोर्ट के अनुसार, यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (यूकेएचएसए) ने अपने साप्ताहिक निगरानी अपडेट में इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि अस्पताल में भर्ती अल्ट्रा-संक्रामक वैरिएंट से पीड़ित 815 मरीजों में से 608 ऐसे हैं, जिन्हें तीसरी डोज यानी बूस्टर डोज नहीं मिली है। इसके अलावा इनमें से एक चौथाई का टीकाकरण नहीं हुआ है।

इस बीच, स्वास्थ्य अधिकारियों ने आगे के आंकड़ों का खुलासा किया है, जिसमें दिखाया गया है कि बूस्टर टीकों ने ओमिक्रॉन के साथ अस्पताल में भर्ती होने के जोखिम को 88 प्रतिशत तक कम कर दिया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जैब के लगभग छह महीने बाद भी दो खुराकों ने स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों या बाधाओं को 72 प्रतिशत तक कम कर दिया।

स्वास्थ्य सचिव साजिद जाविद ने कहा कि हाल के आंकड़ों ने जान बचाने और गंभीर बीमारी को रोकने में टीकों के महत्व को मजबूत किया है।

मंत्रियों ने वर्ष के अंत से पहले प्रत्येक पात्र ब्रिटेश नागिरक को तीसरी खुराक देने और एनएचएस को इस सर्दी में अधिक भीड़ से बचने के प्रयास में एक दिन में 10 लाख टीके लगाने के उद्देश्य से बूस्टर ड्राइव को तेज किया है।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इंग्लैंड में 95 लाख पात्र वयस्कों के आंकड़े दिखाने के बावजूद उस लक्ष्य को हासिल करने के बारे में प्रतिबद्धता जरूर जाहिर की है, मगर देशवासियों को बड़ी संख्या में अभी भी बूस्टर खुराक नहीं मिल पाई है।

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