आजम की जेल बदले जाने के खिलाफ याचिका खारिज


सपा सांसद आजम खां, पत्नी तंजीन फातमा और बेटे अबदुल्ला आजम को सीतापुर जेल भेजे जाने के खिलाफ दायर की गई याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अगर प्रशासन चाहे तो तंजीन फातमा को रामपुर की जेल में रख सकता है।

मालूम हो कि 26 फरवरी को अदालत में आत्मसमर्पण करने के बाद तीनों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया था। जेल प्रशासन ने तीनों को 27 फरवरी की सुबह सीतापुर की जेल भेज दिया था। जिस पर आजम खां के वकीलों ने कोर्ट में आपत्ति लगाई थी।

बुधवार को सुनवाई के बाद एडीजे 6 धीरेंद्र कुमार की कोर्ट ने आजम खां के वकीलों की याचिका खारिज कर दी। इसके बाद यह साफ है कि फिलहाल आजम और उनके बेटे को सीतापुर जेल में ही रखा जाएगा।

वकीलों का कहना था कि आजम खां को कोर्ट की अनुमति के बिना सीतापुर की जेल में भेजा जाना गलत है। ऐसा करना न्यायालय की अवमानना है। वहीं दूसरी ओर शासकीय अधिवक्ता अजय तिवारी का कहना है कि इसे लेकर 2018 में जारी शासनादेश में साफ-साफ कहा गया है कि किसी विचाराधीन बंदी को एक जेल से दूसरी जेल में भेजे जाने के लिए कोर्ट की अनुमति आवश्यक नहीं है।

इस आपत्ति पर 29 फरवरी को भी एडीजे-6 की कोर्ट में बहस हो चुकी है। उस समय सहायक शासकीय अधिवक्ता राम अवतार सैनी ने कहा था कि आजम खां के वकीलों ने इस मामले में दो दिन का वक्त मांगा था।

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