कहीं मजबूरी, तो कहीं लालच से वन्य एवं सिंचाई क्षेत्रों का अतिक्रमण, पर्यावरण को भारी नुकसान

कहीं मजबूरी में तो कहीं विकास की चाहत मानव जीवन को ही खतरे में डाल रहा…