Slow Over Rate: स्लो ओवर रेट क्या है? क्या होती है इसकी सजा, कब लागू होता है यह नियम, जानिए सबकुछ

बीसीसीआई ने आईपीएल के मैचों को सुचारू रूप से चलाने के लिए कई नियम बनाए हैं. इसमें एक नियम स्लो ओवर रेट का भी है. इस नियम के तहत कप्तानों पर भारी जुर्माना लगाया जाता है. आईपीएल के 17वें सीजन में खेले गए 33 मुकाबलों में 4 कप्तान इस नियम के उल्लंघन के दोषी पाए गए हैं जिनपर लाखों का जुर्माना ठोका गया. ऋषभ पंत, संजू सैमसन, शुभमन गिल के बाद अब नया नाम हार्दिक पंड्या का जुड़ गया है. पंड्या को पंजाब किंग्स के खिलाफ मैच में स्लो ओवर रेट का दोषी पाया गया. स्लो ओवर रेट क्या है? यह कैसे काम करता है. इसके तहत क्या सजा सुनाई जाती है. लोग इसके बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं.

ओवर रेट एक घंटे के खेल में फील्डिंग करने वाली टीम की ओर से फेंके गए ओवरों की औसत संख्या है. आईसीसी के नियमों के मुताबिक, फील्डिंग करने वाली टीमों की ओर से टेस्ट क्रिकेट में प्रति घंटे 15 ओवर, वनडे में 14.28 और टी20 में 14.11 ओवर का औसत बनाए रखने की उम्मीद की जाती है.

90 मिनट में स्ट्रेटिजिक टाइम आउट भी शामिल होता है
आईपीएल में दो स्ट्रेटेजिक टाइमआउट होता है. यह 2 मिनट 30 सेकेंड का होता है जो इसमें शामिल है. बॉलिंग करने वाली टीम को एक घंटे और 30 मिनट में 20 ओवर पूरे करने होते हैं. इसमें डीआरएस समीक्षा/अंपायर समीक्षा और खिलाड़ी की चोटों के लिए लिया गया समय शामिल नहीं होता है. यदि कोई टीम टीम पहली बार ऐसा करती है तो उसके कप्तान पर 12 लाख का जुर्माना लगाया जाता है. एक ही सीजन में जब कोई टीम दूसरी बार स्लो ओवर रेट का दोषी पाई जाती है तो कप्तान पर 24 लाख का जुर्माना लगाया जाता है. साथ ही कप्तान के साथ-साथ टीम के बाकी खिलाड़ियों पर भी जुर्माना लगाया जाता है. इसमें इम्पैक्ट सब्स्टीट्यूट सहित टीम के अन्य सदस्यों पर 6 लाख रुपये या उनकी मैच फीस का 25% (जो भी कम हो) जुर्माना लगाया जाता है.

तीसरी बार में कप्तान पर 30 लाख का जुर्माना लगाया जाता है
जब कोई टीम एक ही सीजन में तीसरी बार स्लो ओवर रेट का दोषी पाई जाती है तो उसके कप्तान पर 30 लाख जुर्मानाल लगाया जाता है. साथ ही वह कैप्टन पर एक मैच का बैन भी लगता है. इसके साथ ही टीम के बाकी सदस्यों (कप्तान को छोड़कर) पर 12 लाख या उनकी मैच फीस का 50% (जो भी कम हो) जुर्माना लगाया जाता है.

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