I2U2 Summit: यूएई का पैसा, इजरायली तकनीक, भारत में बदलेगी किसानी की तस्‍वीर!

दुबई/नई दिल्‍ली: भारत, इजरायल, संयुक्‍त अरब अमीरात और अमेरिका की सदस्‍यता वाला नया समूह I2U2 एक ऐसी परियोजना को बढ़ाने जा रहा है जिससे भारत में खेती की दशा बदल सकती है। इसके तहत यूएई भारत में 2 अरब डॉलर का निवेश करेगा जिससे एग्रीकल्‍चर फूड पार्क बनाए जाएंगे। इन फूड पार्क में इजरायली तकनीक का इस्‍तेमाल होगा। पीएम मोदी समेत चारों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच वर्चुअल बैठक में यह फैसला लिया गया। यह बैठक ऐसे समय पर हुई जब अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन पश्चिम एशिया के दौरे पर हैं।

राष्‍ट्रपति बनने के बाद यह इस इलाके का अमेरिकी राष्‍ट्रपति का पहला दौरा है। I2U2 शिखर सम्‍मेलन में वर्तमान खाद्यान सुरक्षा चुनौती पर चर्चा होनी है।  इस शिखर सम्‍मेलन में खाद्यान सुरक्षा चुनौती पर चर्चा हुई और 2 अरब डॉलर के प्रॉजेक्‍ट पर भी बात हुई जिसके लिए यूएई पैसा दे रहा है। इसके अलावा कई और कदमों का ऐलान किया गया। इस पार्क के लिए इजरायल अपनी बेहद सफल तकनीक को साझा करेगा। इसके अलावा अमेरिका का निजी सेक्‍टर भी इस प्रॉजेक्‍ट को अपना समर्थन देगा। 

I2U2 के पहले शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इस पहली समिट से ही I2U2 ने एक सकारात्मक एजेंडा स्थापित कर लिया है। हमनें कईं क्षेत्रों में जॉइंट प्रोजेक्ट की पहचान की है और उनमें आगे बढ़ने का रोडमैप भी बनाया है। उन्होंने कहा कि बढ़ती हुई वैश्विक अनिश्चिताओं के बीच हमारा कॉपरेटिव फ्रेमवर्क व्यावहारिक सहयोग का एक अच्छा मॉडल भी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम सभी अच्छे दोस्त हैं और मुझे पूरा विश्वास है कि I2U2 से हम वैश्विक स्तर पर ऊर्जा सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा और आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण योगदान करेंगे। बता दें कि पहले शिखर सम्मेलन में 6 क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी। इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, इजराइल के प्रधानमंत्री यायर लापिड, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाह्यान भी शामिल थे।

इससे पहले अमेरिकी राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने माना कि भारत का पश्चिम एशिया में खाड़ी देशों और इजरायल के साथ बहुत लंबे समय से और बढ़‍िया संबंध रहा है। जैसे अमेरिका इजरायल को इस क्षेत्र में अपने र‍िश्‍ते मजबूत करने में मदद कर सकता है, ठीक उसी तरह से भारत भी अपनी भूमिका निभा सकता है। भारत, इजरायल, यूएई और अमेरिका को साथ लाकर ज्‍यादा खाद्यान पैदा किया जा सकता है। इससे खाद्यान सुरक्षा की चुनौती से निपटने में मदद मिलेगी। उन्‍होंने कहा क‍ि भारत और इजरायल तकनीक और उद्यमिता के हब के रूप में काम करेंगे। 

उधर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का कहना है कि वह पश्चिम एशिया में अरब भागीदारों के साथ इजरायल के संबंधों को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं। शुक्रवार को सऊदी रवाना होने से पहले बाइडन ने बृहस्पतिवार को यरुशलम में इजरायल के अंतरिम प्रधानमंत्री यायर लापिड से मुलाकात के बाद यह बात कही।

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