हिंसा के लिए भीड़ की अगुवाई करना नेतृत्व नहीं : सेना प्रमुख


नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पर रुख जाहिर करते हुए सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने गुरुवार को कहा कि भारी भीड़ को हिंसा के लिए उकसाना और आगजनी करना नेतृत्व नहीं है। जनरल रावत ने एक कार्यक्रम-सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर दिल्ली में कहा कि नेतृत्व समग्र रूप से अगुवाई करना है।

उन्होंने कहा, “इसलिए समग्र रूप से नेतृत्व करना जटिल है, अगर आप आगे बढ़ते हैं तो हर कोई आपको फॉलो करता है। यह दिखने में सामान्य लगता है, लेकिन यह बहुत-बहुत मुश्किल काम है।”

इस कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री हर्ष वर्धन विशिष्ट अतिथि थे।

जनरल रावत ने कहा कि भीड़ के बीच हमें एक नेता मिलेगा।

जनरल रावत ने कहा, “लेकिन नेता वे होते हैं जो लोगों का सही दिशा में नेतृत्व करते हैं।”

देशभर में नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर आंदोलन के दौरान हिंसा और आगजनी के बारे में अप्रत्यक्ष रूप से इशारा करते हुए जनरल रावत ने कहा, “नेता वे नहीं हैं जो अनुचित दिशा में लोगों का नेतृत्व करते हैं, जैसा कि हमने बड़ी संख्या में विश्वविद्यालयों और कॉलेज के छात्रों में देखा है..वे भीड़ को हमारे शहरों और कस्बें में हिंसा व आगजनी के लिए नेतृत्व कर रहे हैं।”

उन्होंने जोर देकर कहा, “यह नेतृत्व नहीं है।”

यह पहली बार है कि जनरल रावत ने देश की कानून व व्यवस्था को लेकर बयान दिया। जनरल रावत 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने रहे हैं।

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