झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि उनकी सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, रोजगार, खेल, पर्यावरण सहित विभिन्न क्षेत्रों के लिए जो कार्य योजनाएं तैयार की हैं, उनका प्रभाव राज्य में आने वाले 25-30 वर्षों तक दिखेगा। उन्होंने साथ विशेष साक्षात्कार में ये बातें कहीं।
हेमंत सोरेन ने आने वाले वर्षों की चुनौतियों, कार्य योजनाओं, विपक्ष के आरोपों, केंद्र एवं झारखंड के बीच विवाद के मुद्दों और सहयोगी दलों से रिश्तों सहित विभिन्न विषयों पर खुलकर बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश-
सरकार 29 दिसंबर को दो साल पूरे कर रही है। इन दो वर्षों के कार्यकाल का मूल्यांकन निजी तौर पर आप कैसे करते हैं?
, कोविड जैसी वैश्विक महामारी के बीच सरकार ने विषम परिस्थितियों और बड़ी चुनौतियों के बीच दो वर्षों का कार्यकाल पूरा किया है। इन दो वर्षों में बड़ा वक्त महामारी से जूझने और हर वर्ग के लोगों को तात्कालिक राहत देने में गुजर गया।
हमें अब तक काम करने का जितना वक्त मिला, उसमें हमने लंबी लकीर खींची है। सभी जानते हैं कि कोविड काल में भी हम घरों में कैद नहीं थे। गरीब-गुरबों, दलितों, प्रवासी मजदूरों से लेकर राज्य के तमाम वर्ग के लोगों को राहत पहुंचाने के लिए हमने जिस तरह की कार्य योजनाएं बनायीं और उन्हें जमीन पर उतारा, वह पूरा देश जानता है।
हमारे काम करने के मॉडल ने पूरे देश का ध्यान खींचा। सबसे बड़ी बात यह कि हमने इसी दौरान शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, उद्योग, पर्यावरण, पर्यटन सहित विभिन्न क्षेत्रों के लिए जो कार्य योजनाएं तैयार की हैं, उनका प्रभाव आनेवाले 25-30 वर्षों तक दिखेगा।
राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा ने आपकी सरकार के खिलाफ चार्जशीट पेश किया है। इसमें इन दो वर्षों के कार्यकाल को विफलताओं का वर्ष बताया गया है। भाजपा के आरोपों पर क्या कहेंगे?
भाजपा के बारे में क्या कहूं? इनके कई चेहरे और कई मुखौटे हैं। राज्य बने 20 साल से ज्यादा हुए। इनमें से तकरीबन 16 वर्षों से भी ज्यादा वक्त तक भाजपा की ही सरकार रही। इसके बाद भी गरीबी, पिछड़ापन हमारे राज्य की पहचान है। गरीब-गुरबों के हालात नहीं बदले।
सरकारी दफ्तरों में घूसखोरी हावी रही। अफसर निठल्ला बने रहे। हमारी सरकार ने ये हालात बदल डाले हैं। हम सरकार को राज्य मुख्यालय, जिला हेडक्वार्टर और ब्लॉक के ऑफिसों से निकालकर गांवों तक, लोगों के दरवाजों तक पहुंचाया है। पिछले एक महीने से हमने आपके द्वार आपके अधिकार आपकी सरकार अभियान चलाया।
सुबह से लेकर आधी रात तक मंत्री, अफसर और जनप्रतिनिधि इन कैंपों में जमीन पर बैठे। इस दौरान लोगों ने विभिन्न योजनाओं को लेकर 30 से 35 लाख आवेदन दिये और शिकायतें दर्ज करायीं। इनमें से 20 से 25 लाख आवेदनों का निपटारा ऑन द स्पॉट कर दिया गया। बाकी आवेदनों का भी निपटारा किया जा रहा है।