भारत एक युवा देश है और फिलहाल देश में करीब 30 करोड़ छात्र हैं। यह छात्र लाखों स्कूल, कॉलेजों व अन्य शिक्षण संस्थानों से जुड़े हैं।
बड़ी बात यह है कि इनमें से अब करोड़ों छात्रों ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्वयं पोर्टल पर खुद को पंजीकृत किया है। यह पहली बार है जब कि साल के शुरूआती 5 महीनों में ही लगभग 2.72 करोड़ छात्रों ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के इस पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है। इनमें से कई छात्र अपने नियमित पाठ्यक्रमों का 40 प्रतिशत ऑनलाइन क्रेडिट पूरा कर रहे हैं। वहीं इनमें ऐसे युवा, प्रोफेशनल एवं ग्रहणियां भी शामिल है जो अपने कौशल को अगले स्तर तक ले जाने के लिए स्वयं से जुड़े हैं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक वैश्विक स्तर और हर आयु वर्ग को ध्यान में रखते हुए यह पोर्टल विकसित किया गया है यही कारण है कि पोर्टल में विज्ञान, अनुसंधान, विपणन सहित 7000 से अधिक पाठ्यक्रम हैं। टॉप 10 कोर्स में दाखिला लेने वालों में बीई-बीटेक के छात्र पहले नंबर पर हैं। जबकि एमएससी, एमए, एमबीए, बीएससी, पीएचडी, बीकॉम, बीए, एमकॉम से जुड़े छात्र भी बड़ी संख्या में हैं। गौरतलब है कि उच्च शिक्षण संस्थानों में पारंपरिक पढ़ाई के साथ-साथ बहुविषयक विषयों में ज्ञान बढ़ाने के मकसद से केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा स्वयं पोर्टल शुरू किया गया है।
शिक्षा मंत्रालय ने मई 2022 में स्वयं ऑनलाइन लनिर्ंग पोर्टल का सर्वे किया था। मंत्रालय के मुताबिक जनवरी से 2.72 करोड़ छात्रों ने स्वयं ऑनलाइन लनिर्ंग पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के आधार पर पढ़ाई की है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक देशभर में तमिलनाडु के छात्रों ने सबसे अधिक इस पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। स्वयं ऑनलाइन लनिर्ंग पोर्टल का इस्तेमाल करने में उत्तर प्रदेश के छात्र दूसरे, आंध्र प्रदेश तीसरे और जम्मू कश्मीर के छात्र चौथे स्थान पर है, वहीं चंडीगढ़ के छात्र इस मामले में 24वें स्थान पर है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सचिव प्रोफेसर रजनीश जैन ने देशभर के लगभग 1000 से अधिक विश्वविद्यालय से इस वेब पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षण पाठ्यक्रमों के लिए क्रेडिट फ्रेमवर्क को अपनाने का अनुरोध किया। गौरतलब है कि देश भर के विश्वविद्यालयों में विभिन्न पाठ्यक्रमों के एक सेमेस्टर में किसी विशेष कार्यक्रम में पेश किए जा रहे कुल पाठ्यक्रमों का 40 प्रतिशत ऑनलाइन शिक्षण से पूरा किया जा सकता है।
प्रोफेसर रजनीश जैन ने बताया कि स्वयं प्लेटफॉर्म पर 7115 पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। प्लेटफॉर्म के माध्यम से 11.13 लाख प्रमाणपत्र जारी किए गए है। प्रोफेसर जैन ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन के दौरान, स्वयं प्लेटफॉर्म का उपयोग लगभग 2.5 लाख गुना बढ़ गया है।
शिक्षा मंत्रालय ने स्वयं मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्सेज के लिए छात्रों के ²ष्टिकोण को समझने के लिए मई, 2022 में एक ऑनलाइन सर्वेक्षण किया। यह सर्वेक्षण राष्ट्रीय स्तर और राज्य दोनों स्तरों पर छात्रों की वरीयता में इनपुट और अंतर्²ष्टि प्रदान करता है। सर्वेक्षण से पता चलता है कि 29 राज्यों के 338 विश्वविद्यालयों व संस्थानों में फैले 70 प्रतिशत से अधिक छात्रों ने स्वयं पाठ्यक्रमों के क्रेडिट हस्तांतरण का लाभ उठाने में रुचि व्यक्त की।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक स्वयं छात्रों को नामांकन करने के लिए लचीलापन एवं अधिक अवसर प्रदान करता है। इसका उद्देश्य यह है कि छात्र पाठ्यक्रम पूरा कर अपने प्रमाण पत्र प्राप्त करें। वहीं यूजीसी ने भी देश भर के सभी विश्वविद्यालयों से अनुरोध है कि वे स्वयं मंच के माध्यम से प्रस्तावित पाठ्यक्रमों को अपनाएं, ताकि छात्र समुदाय को अधिक से अधिक लाभ मिल सके।
मंत्रालय का कहना है कि स्वयं पोर्टल पर सभी संबंधित पाठ्यक्रमों के वीडियो लेक्च र के और पढ़ाई से जुड़ा सारा मटेरियल निशुल्क उपलब्ध हैं। हालांकि यदि किसी छात्र या प्रोफेशनल को सर्टिफिकेट की जरूरत हो तो फिर उसे शुल्क देकर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा बहुविकल्पीय प्रश्नों पर आधारित परीक्षा देनी होती है। इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने के उपरांत छात्रों को सर्टिफिकेट प्रदान किया जाता है।