सोने पर सीमाशुल्क बढ़ने से जयपुर के ज्वेलर चिंतित


सोना समेत सभी कीमती धातुओं पर सीमाशुल्क बढ़ाए जाने से गुलाबी शहर जयपुर के आभूषण कारोबारियों को कारोबार पर असर पड़ने की चिंता सताने लगी है।

केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह लोकसभा में पेश आम बजट 2019-20 में सोना समेत कीमती धातुओं पर सीमा शुल्क 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी करने की घोषणा की।

भारत के सबसे पुराने व्यापारिक संगठनों में शुमार ज्वेलर्स एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष संजय काला ने कहा, “सोने पर पहले से ही तीन फीसदी जीएसटी लगता है और अब सीमा शुल्क में भी वृद्धि कर दी गई है। अब सोने की खरीद में ग्राहकों पर 15.5 फीसदी कर का बोझ पड़ेगा, जो काफी ज्यादा है। लिहाजा, इससे बाजार में मांग प्रभावित होगी और तस्करी को बढ़ावा मिलेगा, जोकि पहले से जयपुर में होती रही है।”

उन्होंने कहा, “सीमा शुल्क आम तौर पर चार से छह फीसदी होना चाहिए, जिससे कारोबार में मदद मिलेगी और तस्करी पर रोक लगेगी। 12.5 फीसदी शुल्क लगने से सोने की तस्करी बढ़ेगी और यह कानूनी तौर पर कारोबार करने वालों के लिए एक चुनौती है।”

काला ने जयपुर को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में नामित किए जाने पर खुशी जाहिर की।

उन्होंने कहा कि बजट से पड़ी मार के बाद एक अच्छी खबर सुनने को मिली कि जयपुर अब यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल बन गया है। इससे शहर में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी।

उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “लेकिन अब चिंता की बात यह है कि सीमा शुल्क ज्यादा होने से विदेशी खरीददार भारत में सोना खरीदने के बजाय पड़ोसी देशों में सोना खरीदेंगे, जहां सोने पर शुल्क कम है।”

सीमा शुल्क विभाग के अधिकारियों के अनुसार, 2018-19 में पिछले साल के मुकाबले सोने की तस्करी दोगुनी हो गई और पिछले दो साल में जयपुर हवाईअड्डे पर कई तस्करों को दबोचा गया।

सीमा शुल्क आयुक्त सुभाष चंद्र अग्रवाल ने भी बताया कि जयपुर हवाईअड्डे पर सोने की जब्ती में काफी इजाफा हुआ है।

अग्रवाल के अनुसार, कर में वृद्धि का मकसद सोने के आयात में कमी लाना है, क्योंकि सोने के आयात के लिए सबसे ज्यादा विदेशी मुद्रा की जरूरत होती है।

उन्होंने कहा, “सोना ईंधन की तरह आवश्यक वस्तु नहीं है, जिस पर विदेशी मुद्रा खर्च किया जाए।”

सीमा शुल्क अधिनियम के अनुसार, एक करोड़ रुपये मूल्य के सोने की तस्करी करते पकड़े जाने वाले व्यक्ति को आसानी से जमानत मिल सकती है। एक करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य के सोने की तस्करी करने पर ही मामला अदालत जाता है।

सूत्रों ने बताया, “इसलिए तस्कर एक-दो बार पकड़े जाने की परवाह नहीं करते हैं। एक किलो सोने की तस्करी से तस्करों को तीन लाख रुपये का फायदा होता है।”

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