‘सोनिया को अंतरिम अध्यक्ष बनाना कांग्रेस के राजनीतिक नेतृत्व का दिवालियापन’


ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के लीगल सेल के पूर्व प्रमुख ने कहा कि कांग्रेस का सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष के रूप में पदभार संभालने का निर्णय पार्टी के ‘राजनीतिक नेतृत्व के दिवालियापन’ को दिखाता है।

बार एसोसिशएन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष व एआईसीसी लीगल सेल के पूर्व अध्यक्ष ललित भसीन ने एक बयान में कहा कि सोनिया गांधी को अनुरोध नहीं स्वीकार करना चाहिए था और खुद कांग्रेस अध्यक्ष का पदभार संभालने के बजाय किसी प्रतिबद्ध व सक्षम व्यक्ति के लिए मार्ग प्रशस्त करना चाहिए था।
उन्होंने सोनिया गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर नामित करने की कार्रवाई को एक प्रतिगामी कदम करार दिया।

उन्होंने कहा, “सोनिया गांधी की क्षमता, गुणों व प्रतिबद्धता को लेकर किसी को संदेह नहीं है, सोनिया ने अतीत में पार्टी का नेतृत्व किया है और अच्छे परिणाम दिए है। हालांकि, पार्टी जिसने दो साल पहले राहुल गांधी को अध्यक्ष पद सौंपने का एक फैसला लिया था, उसे सोनिया को फिर नियुक्त नहीं करना चाहिए था।”

उन्होंने कहा, “राहुल के पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद पार्टी को एक नया चेहरा (पार्टी में बहुत से चेहरे हैं) चुनना चाहिए था। पार्टी के नए चेहरे में वरिष्ठ या युवा नेता हो सकता था।”

कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में शनिवार को राहुल गांधी अपने इस्तीफे के फैसले पर अड़े रहे, जिसके बाद पार्टी ने सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष के रूप में पद संभालने को कहा।

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