समाजवादी पार्टी की शनिवार को होने जा रही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मिशन 2022 को फतेह करने का रोडमैप बनेगा। सपा ने इसके लिए 351 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में पार्टी अपने आगे के कार्यक्रम की रूपरेखा तय करेगी।
योगी सरकार के तीन साल इसी 18 मार्च को हो रहे हैं। ऐसे में मुख्य विपक्षी पार्टी सपा योगी सरकार को खासतौर पर निशाने पर रखेगी। इसी में भाजपा सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलन का ऐलान होगा। साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदेश भर का दौरा भी शुरू कर सकते हैं। वैसे वह तीन महीनों में 22 जिलों का दौरा कर चुके हैं।
अखिलेश यादव के निर्देश पर सपा प्रदेश अध्यक्ष अब तक 45 जिलों व शहरों के अध्यक्ष व महामंत्री तय कर चुके हैं। अब बाकी पर जल्द निर्णय होना है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी में विधानसभा चुनाव अकेले दम पर लड़ने का औपचारिक रूप से निर्णय लेगी लेकिन कुछ इलाकों में छोटे-छोटे दलों से सीमित गठजोड़ करने का विकल्प खुला रखा जाएगा। यह पहला मौका होगा जब अखिलेश के नेतृत्व में सपा बिना गठबंधन के चुनाव लड़ेगी।
इससे पहले अखिलेश यादव के अध्यक्ष बनने के बाद सपा पहले कांग्रेस व बाद में बसपा के साथ मिल कर क्रमश: विधानसभा चुनाव व लोकसभा चुनाव लड़ चुकी है। लोकसभा चुनाव के बाद सपा की यह पहली राष्ट्रीय कार्यकारिणी है। लखनऊ में होने वाली इस बैठक में पार्टी के सभी बड़े नेता इसमें शामिल होंगे।
सपा ने अगले विधानसभा चुनाव में सत्ता में लौटने की उम्मीद बांधी है। इसीलिए अब वह अपनी तैयारियों पर खासा जोर दे रही है। पार्टी महासचिव राम गोपाल यादव ने इस बैठक में शामिल होने के लिए सभी सदस्यों को पत्र लिखा है।