संसद में कागज रहित नीति के क्रियान्वयन को लेकर दृढ़ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने लगातार दूसरे दिन गुरुवार को संसद के कागज रहित लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी सदस्यों से सहयोग करने का आह्वान किया. उन्होंने सदस्यों से डिजिटल तकनीकी अपनाने की बात कही.
शून्य काल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने सांसदों से कहा कि प्रक्रिया को ‘वैकल्पिक आधार’ पर अगले सत्र से शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इससे संसद द्वारा कागज की छपाई पर किए जाने वाले खर्च पर कमी आएगी, साथ ही साथ पेड़ों की कटाई रोकने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ेंगे.
बिरला ने कहा, ‘यह संसद में पेपर के इस्तेमाल की बजाय डिजिटल दस्तावेजों को अपनाने का समय है, क्योंकि करोड़ों रुपये पेपर की छपाई पर खर्च हो रहे हैं. हमारी प्राथमिकता संसद का ज्यादा से ज्यादा धन बचाने की होनी चाहिए. कागज के इस्तेमाल को कम करके हम पेड़ों के काटे जाने से रोकने में कमी ला सकते हैं.’
प्रक्रिया को विस्तार से बताते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि वह अगले सत्र से सालों से कागज के इस्तेमाल की आदत की जगह सभी सदस्यों को डिजिटल तकनीक अपनाने का विकल्प देंगे. उन्होंने कहा, ‘जो लोग ऑनलाइन दस्तावेजों को पढ़ने में सहज नहीं होंगे, वे कागज दस्तावेज प्राप्त कर सकते हैं.’
बिरला ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि हम ज्यादा से ज्यादा डिजिटल विकल्प का इस्तेमाल करेंगे, जिससे कि भारतीय संसद एक कागज रहित संसद बन सके.’ लोकसभा ने बुधवार को यह घोषणा की थी.
बिरला ने सदस्यों से संसद के सेंट्रल हाल व कैंटीन सुविधा का लाभ उठाते हुए कैशलेस प्रणाली को प्रोत्साहित करने के लिए 100 फीसदी डिजिटल भुगतान को अपनाने का आग्रह किया. तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने लोकसभा अध्यक्ष के राय की सराहना की और उनसे बाधारहित वाई-फाई सुविधा सुनिश्चित कराने को कहा.
उन्होंने सुझाव दिया कि लोकसभा अध्यक्ष को संसद में पहले वाई-फाई शुरू करना चाहिए और छह महीने तक इसका प्रयोग होना चाहिए. इसके परिणाम के बाद इसे पूरी तरह से क्रियान्वित किया जाना चाहिए.
क्रेडिट कार्ड व डेबिट कार्ड के इस्तेमाल पर उन्होंने कहा, ‘मुझे इसके इस्तेमाल में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन इसका संसद के सेंट्रल हाल में खराब इंटरनेट कनेक्शन के कारण इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.’
लोकसभा अध्यक्ष ने भरोसा दिया कि संसद में बेहतर वाई-फाई की सुविधा के लिए प्रयास किया जाएगा और तृणमूल कांग्रेस सांसद द्वारा उठाई गई आपत्ति पर ध्यान दिया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘हम अगले सत्र से संसद को कागज रहित नहीं बनाने जा रहे हैं, लेकिन डिजिटलीकरण की दिशा में कदम बढ़ाने जा रहे हैं.’