पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने ऊर्जा मंत्रालय में तबादला किए जाने के एक दिन बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) के तहत इस्तीफा देने की पेशकश की है।
हालांकि इस रिपोर्ट की पुष्टि नहीं हुई है। सरकार ने बुधवार को अचानक नौकरशाही में फेरबदल करते हुए पूर्व वित्त एवं आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग का तबादला बतौर ऊर्जा सचिव कर दिया।
हालांकि वरिष्ठ नौकरशाह द्वारा वीआरएस लेने पर विचार करने की रिपोर्ट आई है, लेकिन न तो मंत्रालय और न ही गर्ग ने अब तक इस संबंध में कोई बयान दिया है।
गर्ग 1983 बैच के राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी हैं।
गर्ग का ऊर्जा मंत्रालय में तबादले को निर्वासन के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि वित्त सचिव का पद नौकरशाही में अत्यंत प्रतिष्ठित पद माना जाता है और आमतौर पर मंत्रालय में वरिष्ठतम अधिकारी को ही इस पद पर नियुक्त किया जाता है।
हालांकि यह कोई आश्चर्यजनक कदम नहीं है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) सरकार ने कोई पहली बार ऐसे फेरबदल नहीं किए हैं।
पहली बार 2014 में मोदी के सत्ता में आने पर सरकार ने तत्कालीन वित्त सचिव अरविंद मायाराम का तबादला पर्यटन विभाग में कर दिया था।
बुधवार को जारी आदेश के अनुसार, निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) के पूर्व सचिव अतनु चक्रवर्ती को आर्थिक मामलों के विभाग का सचिव बनाया गया है।