मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल के बाद वेस्ट अफ्रीका के माली में फंसे गिरिडीह और हजारीबाग के श्रमिकों का अंतिम जत्था भी झारखंड लौट आया है. आखिरी जत्थे में 10 श्रमिकों की झारखंड वापसी हो गई है. इसके साथ ही सभी श्रमिक स्वदेश लौट आए हैं.
सोशल मीडिया के माध्यम से श्रमिकों ने सीएम को कराया अवगत
दरअसल जनवरी 2022 में सोशल मीडिया के माध्यम से अफ्रीका में फंसे 33 श्रमिकों ने अपनी स्थिति से मुख्यमंत्री और श्रम मंत्री को अवगत कराया था. मुख्यमंत्री को बताया गया कि वे सभी वर्ष 2021 से एक पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड में फिटर के रूप में कार्यरत थे. ठेकेदार द्वारा उनका पासपोर्ट जप्त करके रख लिया गया था और वह वापस भारत आ गया. तीन महीने से श्रमिकों को वेतन नहीं दिया गया था. इस मामले पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को श्रमिकों की सुरक्षित वापसी कराने का आदेश दिया था.
बचे हुए 10 श्रमिकों की भी वापसी
वहीं, मामले की गंभीरता को देखते हुए माली स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क कर इसकी पूरी जानकारी दी गई. इसके बाद दूतावास कार्यालय में समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया गया. फिर खेप के अनुसार श्रमिकों की वापसी कराई गई. बता दें कि पहली और दूसरी खेप में कुल 14 मजदूर झारखंड लौटे थे. इसके बाद तीसरी खेप में 9 मजदूरों की वापसी कराई गई. वहीं अब बचे हुए 10 श्रमिकों की भी वापसी हो गई है|
श्रमिकों ने कहा- अब कभी नहीं जाएंगे विदेश
स्वदेश लौटे श्रमिकों ने झारखंड सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि वे अब कभी विदेश नहीं जाएंगे और अपने देश और राज्य में ही रोजगार करेंगे.