वीवो की 2022 से मेड इन इंडिया स्मार्टफोन निर्यात करने की योजना

अग्रणी वैश्विक स्मार्टफोन निर्माता वीवो ने इस साल से मेड इन इंडिया स्मार्टफोन का निर्यात शुरू करने की अपनी योजना की घोषणा की।

कंपनी का कहना है कि यह देश के लिए 7,500 करोड़ रुपये की प्रस्तावित विनिर्माण निवेश योजना के हिस्से के रूप में होगा।

कंपनी की ओर से अपनी विनिर्माण क्षमता को बढ़ाने के लिए 2023 तक 3,500 करोड़ रुपये के निवेश को पूरा करने की संभावना है।

वीवो ने कहा कि उसका लक्ष्य वार्षिक उत्पादन क्षमता को मौजूदा 5 करोड़ से बढ़ाकर 6 करोड़ स्मार्टफोन यूनिट करना है और 2022 से निर्यात शुरू करना है। इसके अलावा, वीवो ने कहा कि वह चार्जर और डिस्प्ले जैसे घटकों (कंपोनेंट्स) की स्थानीय सोर्सिग को बढ़ाएगा।

वीवो इंडिया में व्यापार रणनीति मामलों के निदेशक पैघम दानिश ने कहा, हम जो कुछ भी करते हैं उपभोक्ता उसके मूल में हैं और उन्हें बेस्ट-इन-क्लास प्रीमियम अनुभव प्रदान कराना हमारी प्राथमिकता है। यह भारत में सात वर्षों की एक समृद्ध यात्रा रही है और पूरे भारत में लाखों उपभोक्ताओं द्वारा प्यार की बौछार करना भी खुशी की बात है।

उन्होंने कहा, एक ब्रांड के रूप में, हमारा लक्ष्य अपने व्यापार पोर्टफोलियो में विविधता लाने के लिए नई ऊंचाइयों तक पहुंचना और विस्तार करना है। भारत में अपने परिचालन को बढ़ाना उस दिशा में एक कदम है।

कंपनी का लक्ष्य भविष्य में देश में विनिर्माण क्षमता को सालाना 12 करोड़ यूनिट तक बढ़ाने का है।

भारत और उसके लोगों के साथ अपनी साझेदारी को मजबूत करने के लिए वीवो स्थानीय सोर्सिग में निवेश करने और 2022 के अंत तक भारत से निर्यात शुरू करने की योजना बना रहा है।

कंपनी ने  अपनी पहली इंडिया इम्पैक्ट रिपोर्ट 2021 जारी की। रिपोर्ट के अनुसार, वीवो लगभग 1.4 लाख भारतीयों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर प्रदान करता है।
रिपोर्ट के अनुसार, इसने 16 लाख भारतीयों के जीवन पर सामाजिक-आर्थिक प्रभाव डाला है।

इसके अलावा, कंपनी ने औसत बिक्री मूल्य (एएसपी) में 20 प्रतिशत की वृद्धि प्रदान करके अपने खुदरा भागीदारों पर एक निश्चित प्रभाव डाला है, जिसके परिणामस्वरूप प्रति माह खुदरा विक्रेता के औसत बिक्री मूल्य में 2.5 गुना वृद्धि हुई है।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कैसे कंपनी ने 1,000 से अधिक वितरकों का एक मजबूत वितरण (डिस्ट्रीब्यूशन) बनाया है, जिनमें से 98 प्रतिशत भारतीय हैं।
वीवो ने कहा कि वह अपने मास्टर वितरकों के माध्यम से 6,000 से अधिक रोजगार के अवसर भी पैदा करता है।

2014 में अपने प्रवेश के बाद से, वीवो ने भारतीय स्मार्टफोन बाजार में एक स्थिर दौड़ या रेस देखी है। जीएफके के आंकड़ों के मुताबिक, 2021 में इसकी 25 फीसदी बाजार हिस्सेदारी (मेनलाइन रिटेल में) थी, जिसने मेनलाइन रिटेल में अपनी पकड़ बनाए रखी।

कंपनी का लक्ष्य 2024 तक चार्जर स्थानीयकरण (लोकलाइजेशन) को मौजूदा 60 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत करना है और 2023 तक स्थानीय स्तर पर 65 प्रतिशत डिस्प्ले प्राप्त करने की योजना है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रस्तावित 7,500 करोड़ रुपये के निवेश से लगभग 40,000 भारतीय रोजगार प्राप्त कर सकेंगे। इस समय देश में 70,000 खुदरा विक्रेता और 30,000 से अधिक वीवो ब्रांड एंबेसडर हैं।

इसे शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *