वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6 प्रतिशत


भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि का अनुमान छह प्रतिशत रखा है।

नई दिल्ली, 6 फरवरी (आईएएनएस)| भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि का अनुमान छह प्रतिशत रखा है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने महंगाई की उंची दरों के मद्देनजर नीतिगत प्रमुख ब्याज दरों यानी रेपो रेट को 5.15 फीसदी पर स्थिर रखा है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में गुरुवार को रेपो रेट को 5.15 फीसदी बरकरार रखने का फैसला लिया गया। वहीं रिवर्स रेपो दर को भी 4.90 फीसदी पर अपरिवर्तित रखा गया है।

गौरतलब है कि दिसंबर महीने में देश की खुदरा महंगाई दर 7.35 फीसदी दर्ज की गई थी, जिसे देखते हुए केंद्रीय बैंक ने प्रमुख ब्याज दरों मंे कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया है।

हालांकि, आगे महंगाई दर में नरमी आने की उम्मीद की जा रही है, फिर भी आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति यानी एमपीसी ने रेपो रेट को यथावत रखा है। नया साल 2020 की पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक में आरबीआई प्रमुख ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया है।

आरबीआई का मानना है कि अगले वित्त वर्ष में महंगाई दर में नरमी रहने से एमपीसी को नीतिगत फैसले में लेने में सहूलियत होगी।

हालांकि, राजकोषीय घाटा की बात करें तो आम बजट 21 में निर्धारित लक्ष्य के पार 3.5 फीसदी राजकोषीय घाटा रहने की उम्मीद जताई गई है जबकि चालू वित वर्ष में 3.8 फीसदी रहने का अनुमान है। इसका भी असर एमपीसी के फैसले पर पड़ा है।

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