प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के लोगों की उम्मीदें 10 साल पहले की तुलना में बहुत अलग हैं. उन्हें एहसास है कि हमारा देश प्रगति के रास्ते पर है और वे चाहते हैं कि यह और तेज हो. प्रधानमंत्री ने ये बात ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स से बात करते हुए कही. भारतीय अर्थव्यवस्था के आंकड़े हैं ही ऐसे कि जिन पर हर भारतीय गर्व भी कर सकता है और उसे पूर्ण भरोसा भी होगा कि भारत एक विकसित राष्ट्र बनने की सही राह पर है. वित्त वर्ष 2023-24 में नवंबर माह तक का जीएसटी कर संग्रह पिछले साल की तुलना में 11.9 % अधिक है. जीएसटी अर्थव्यवस्था को मापने का सबसे प्रत्यक्ष और मजबूत मार्क है. जीएसटी कर संग्रह में लगातार वृद्धि होने से देश की अर्थव्यवस्था के बेहतर होने का संकेत मिलते हैं और भारत के बढ़ते नम्बर्स साफ बता रहे हैं कि देश में सेवाओं और वस्तुओं के उत्पादन और उनकी बिक्री में वृद्धि हो रही है. आज भारत की वृद्धि दर अमेरिका और चीन जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं से भी आगे है. इसी कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के प्रभाव और उपस्थिति में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है.
भारत के इन बढ़ते कदमों को मंदी की मारी दुनिया आशा भरी नजरों से देख रही है. कई विशेषज्ञ मान रहे हैं कि दुनिया की अर्थव्यवस्था की कुल वृद्धि में अकेले भारत की हिस्सेदारी 16 फीसदी के करीब रह सकती है. IMF के पूर्वानुमान के मुताबिक, फाइनेंशियल ईयर 2024 में भारत की अर्थव्यवस्था 6.3% की दर से आगे बढ़ेगी. वहीं, बड़ी अमेरिकी ब्रोकरेज फर्म जेफ्रीज़ ने भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए पॉजिटिव आउटलुक देते हुए 2024 में GDP ग्रोथ 7% रहने का अनुमान जताया है. ब्रोकरेज फर्म मार्गन स्टेनली ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि 2027 तक सांकेतिक जीडीपी पांच लाख करोड़ डालर तक पहुंच जाएगी और इस तरह भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा. 2022 में भारत ने GDP में ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया और वो दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया. विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर भारत की यही रफ़्तार बनी रही तो 2025 में GDP के मामले में जर्मनी और 2027 में जापान को पीछे छोड़कर अमेरिका-चीन के बाद तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.
भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और लक्ष्य 2027 तक तीसरी बड़ी इकोनॉमी बनना है. कुछ ही दिन पहले इस लक्ष्य का रोड मैप देते हुए स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2023 में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 21वीं सदी का भारत जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान के मंत्र पर आगे बढ़ रहा है. इसी नई सोच के चलते बीते 10 वर्षों में भारत 10वें नंबर से 5वें नंबर की अर्थव्यवस्था बना है. दुनिया को भरोसा है कि भारत वैश्विक चुनौतियों के लिए कम लागत, गुणवत्ता, टिकाऊ समाधान प्रदान कर सकता है. दरअसल 2014 में सत्ता में आने के बाद से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निवेश को विकास का मूल मंत्र बना लिया और पूरे देश में सड़कों, रेल नेटवर्क, एतिहासिक-आध्यात्मिक इमारतों के निर्माण में एतिहासिक निवेश किया. इसी वजह से आज भारत एक विनिर्माण केंद्र के रूप में उभरा है, जो एप्पल-फॉक्सकॉन जैसी कंपनियों को आकर्षित कर रहा है. भारत यूनिकॉर्न के मामले में आज दुनिया में तीसरे स्थान पर है. खुद प्रधानमंत्री मोदी ने इसे रेंखांकित करते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि भारत को किसी भी तकनीक का आयात न करना पड़े.
आर्थिक विकास को लेकर किये गए कामों को लेकर मोदी सरकार का आत्मविश्वास इतना मज़बूत है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नमो एप पर जनमन सर्वे के जरिये प्रधानमंत्री जनता से अपनी सरकार और सांसदों के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड मांग रहे हैं. संभवतः प्रधानमंत्री इस सर्वे के जरिये अपनी सरकार की तमाम योजनाओं, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किए गए अपने काम और सांसदों की समीक्षा करना चाहते हैं. प्रधानमंत्री मोदी के इस आत्मविश्वास की वजह भी है. पिछले कुछ सालों से भारत की अर्थव्यवस्था बेहद तेज रफ्तार के साथ आगे बढ़ रही है और दूसरे देशों की तुलना में भारत एक स्टार परफॉर्मर की तरह उभरा है. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार द्वारा किये गए संरचनात्मक सुधार, डिजिटलाइजेशन, प्रोडक्टिविटी से भारत के विकास की गाड़ी तेज रफ़्तार से दौड़ रही है.