वधावन को ‘संरक्षण’ देने के लिए पूर्व पेट्रोलियम मंत्री व महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री संदेह के घेरे में


एक पूर्व पेट्रोलियम मंत्री और महाराष्ट्र के एक पूर्व मुख्यमंत्री उन राजनेताओं की सूची में हो सकते हैं जिन पर 4355 करोड़ के पंजाब और महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (पीएमसी बैंक) घपले में गिरफ्तार वधावन (राकेश वधावन और उनके बेटे सारंग वधावन) को संरक्षण देने के संदेह में संकट के बादल छाए हुए हैं.

मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और मुंबई पुलिस का इकोनॉमिक अफेंस विंग (ईओडब्ल्यू) ऐसी चौदह कंपनियों की जांच कर रहे हैं जिनका मालिकाना 2007 से 2018 के बीच या तो वधावन परिवार के पास था या इनके द्वारा इन्हें छोड़ा गया था.

इनमें से एक कंपनी 8 मार्च 2008 को अस्तित्व में आई प्रिविलेज आयल एंड गैस प्राइवेट लिमिटेड (पीओजीएल) है. मूल रूप से सारंग वधावन द्वारा स्थापित इस कंपनी का लक्ष्य क्रूड पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस का उत्खनन था.

सारंग वधावन, जोकि 8 मार्च 2008 से 12 मार्च 2018 तक पीओजीएल के निदेशक थे, ने गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले उत्तर प्रदेश के एक पूर्व पुलिस महानिदेशक की सेवाएं ली थीं जिनके जरिए केंद्र सरकार से संपर्क बढ़ाया जाना था.

पूर्व डीजीपी के अलावा वधावन परिवार ने पीएमसी के अब बर्खास्त चेयरमैन वरयाम सिंह को भी नियुक्त किया था जोकि महाराष्ट्र के एक पूर्व मुख्यमंत्री के कथित रूप से करीबी थे और इसका मकसद ऊर्जा, आधारभूत ढांचा और पेट्रोलियम सेक्टर में कीमती ठेके हासिल करना था.

महाराष्ट्र और पड़ोसी राज्यों में ऊर्जा क्षेत्र के कुछ बड़े प्रोजेक्ट पर नजर के साथ वधावन ने वरयाम सिंह को पीओजीएल में बतौर निदेशक नियुक्त किया था. मंत्रालय में तत्कालीन सरकार को उपकृत करने के लिए वधावन परिवार ने मी-मराठी मीडिया लिमिटेड (एमएमएमएल) द्वारा संचालित मराठी न्यूज चैनल मी मराठी को अपने हाथ में लिया था.

मी-मराठी के एक पूर्व खास संपादकीय स्टाफ के अनुसार, पूरा संपादकीय प्रभार वरयाम सिंह को सौंप दिया गया था जिन्हें 30 सितंबर 2010 को एमएमएमएल का निदेशक नियुक्त किया गया था. सूत्रों ने कहा कि जांच एजेंसियां इस बात का सबूत एकत्र कर रही हैं कि 2006 से 2012 के दौरान वधावन्स को ऊर्जा व आधारभूत ढांचे के क्षेत्र में ठेके देने के लिए क्या नियमों में ढील दी गई थी.

केंद्रीय वित्त मंत्रालय के शीर्ष सूत्रों ने उदयपुर किरण को बताया कि ईडी वधावन्स द्वारा अपनी कथित आफशोर कंपनियों के जरिए बड़े पैमाने पर किए गए धनशोधन घपले को भी देख रही है. ईडी वधावन्स द्वारा यूके, फ्रांस, स्पेन, अमेरिका, और यूएई में किए गए बड़े पैमाने के निवेश पर भी जानकारी एकत्र कर रही है.

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