रोजगार के मुद्दे पर बिहार, यूपी के वोटर नाखुश- एडीआर सर्वे

नई दिल्ली : राजनीतिक रूप से मुखर बिहार में इस बार लोकसभा चुनाव का मुकाबला दिलचस्प हो गया है।. एक तरफ महागठबंधन मजबूती से ताल ठोंक रहा है, तो दूसरी तरफ बीजेपी की अगुवाई में एनडीए प्रतिद्वंदियों को मात देने के लिए हर दांव-पेंच चल रहा है।

बीजेपी का दावा है कि इस बार सहयोगियों को मिलाकर एनडीए के खाते में बिहार की 40 में से 30 से ज्यादा सीटें आएंगी, लेकिन राजनीतिक सुधारों पर नजर रखने वाली संस्था एडीआर (एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स) का एक सर्वे भाजपा की मुश्किलें बढ़ाने वाला है।

एडीआर के सर्वे के मुताबिक बिहार के वोटर रोजगार, सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था और स्वास्थ्य सुविधाओं समेत तमाम मुद्दों पर केंद्र की मोदी सरकार के कामकाज से नाख़ुश हैं। बिहार के मतदाताओं की पहली प्राथमिकता रोजगार है और सर्वे में 49.95 फीसद वोटर इसके पक्ष में खड़े नजर आए, लेकिन उन्होंने रोजगार सृजन के लिए मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदम पर नाराजगी जताई। 5 में सिर्फ 2.05 अंक ही दिये, यानी औसत से भी कम।

सर्वे के मुताबिक जहां बिहार के शहरी मतदाताओं ने रोजगार और पीने के पानी को अपनी पहली और दूसरी प्राथमिकता बताया है। तो दूसरी तरफ, ग्रामीण मतदाताओं के लिए रोजगार और फसलों की सिंचाई के लिए पानी का इंतजाम पहली और दूसरी प्राथमकिता है। चौंकाने वाली बात यह है कि शहरी और ग्रामीण मतदाताओं ने अपनी दोनों प्राथमिकता पर सरकार द्वारा उठाए गए कदम को औसत से भी कम माना है। इससे उनकी नाराजगी साफ जाहिर होती है।

 किसके लिए खतरे की घंटी है सर्वे की यह रिपोर्ट?

एडीआर की सर्वे देश की 534 संसदीय सीटों पर किया गया, जिसमें देश की जनता ने इस दौरान अपनी प्राथमिकताएं बताईं। जनता ने रोजगार को 46.80 प्रतिशत के साथ शीर्ष स्थान पर रखा। वहीं दूसरे नंबर पर 34.60 प्रतिशत के साथ बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को प्राथमिकता बताया. इसके बाद पेयजल(30.50 %), अच्छी सड़कें(28.34%), बेहतर परिवहन(27.35%), खेती के लिए पानी(26.40%), कृषि लोन(25.62%), कृषि उत्पादों का अधिकतम मूल्य(25.41%), बीज और उर्वरकों पर सब्सिडी(25.06%), सुदृढ़ कानून व्यवस्था(23.95%) को जनता ने अपनी प्राथमिकता बताई। एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में इन मुद्दों के आधार पर सरकार के प्रदर्शन को औसत से खराब करार दिया है। सरकार ने कुछ प्रमुख राज्यों की भी अलग से रिपोर्ट से जारी की है।

नीतीश सरकार का भी खराव प्रदर्शन

सर्वे में बिहार के मतदाताओं ने भी रोजगार को 49.95 प्रतिशत के साथ अपनी शीर्ष प्राथमिकता बताया। वहीं खेती के लिए पानी की उपलब्धता(41.43 प्रतिशत) को दूसरे, जबकि अच्छे अस्पताल और स्वास्थ्य सुविधा(39.09) को तीसरे नंबर की प्राथमिकता बताया। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार सरकार जन अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतर सकी है. जनता से जुड़े मुद्दों पर सरकार का खराब प्रदर्शन मिला है।

योगी सरकार भी दिल जीतने में नाकाम

एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश की जनता की अपेक्षाओं को सत्ताधारी दल ने नजरअंदाज किया है। एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) के इस सर्वेक्षण के मुताबिक, मतदाताओं से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर उत्तर प्रदेश सरकार की योगी सरकार का प्रदर्शन औसत से भी नीचे रहा है।

इन मुद्दों में रोजगार के अवसर, स्वास्थ्य सुविधा एवं कानून-व्यवस्था शामिल हैं. एडीआर ने ‘उत्तर प्रदेश सर्वे 2018’ के नतीजों को गुरुवार को जारी किया। मतदाताओं ने कहा कि उनकी शीर्ष प्राथमिकता रोजगार के अवसर (42.82 फीसदी), अच्छे अस्पताल एवं प्राथमिक चिकित्सा केंद्र (34.56 फीसदी) और बेहतर कानून व्यवस्था (33.74 फीसदी) हैं। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में मतदाताओं की शीर्ष प्राथमिकता में कृषि कर्ज की उपलब्धता (44 फीसदी), कृषि के लिए बिजली (44 फीसदी) और रोजगार के अवसर (39 फीसदी) रही और लोगों के बीच सरकार का प्रदर्शन इन सभी क्षेत्रों में औसत दर्जे से भी कम पाया गया।

बिहार में 40 सीटें, 7 चरणों मतदान

11 अप्रैल : जमुई औरंगाबाद, गया, नवादा,
18 अप्रैल : बांका, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर
23 अप्रैल : खगड़िया, झंझारपुर, सुपौल, अररिया, मधेपुरा,
29 अप्रैल : दरभंगा, उजियारपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, मुंगेर
6 मई : मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सारन, हाजीपुर, सीतामढ़ी,
12 मई : पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, , शिवहर, वैशाली, गोपालगंज, सिवान, महाराजगंज, वाल्मीकिनगर
19 मई : नालंदा, पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर, सासाराम, काराकट, जहानाबाद

उत्तर प्रदेश में 80 सीटें, 7 चरणों में मतदान

11 अप्रैल : गौतमबुद्ध नगर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, सहारनपुर
18 अप्रैल : अलीगढ़, अमरोहा, बुलंदशहर, हाथरस, मथुरा, आगरा, फतेहपुर सीकरी, नगीना
23 अप्रैल : मुरादाबाद, रामपुर, संभल, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, आंवला, बरेली, पीलीभीत
29 अप्रैल : शाहजहांपुर, खेड़ी़, हरदोई, मिश्रिख, उन्नाव, फर्रुखाबाद, इटावा, कनौज, कानपुर, अकबरपुर, जालौन, झांसी, हमीरपुर
6 मई : फिरोजाबाद, धौरहरा, सीतापुर, माेहनलालगंज, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, बांदा, फतेहपुर, कौशांबी, बाराबंकी, बहराइच, कैसरगंज, गोंडा
12 मई : सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, प्रयागराज, अंबेडकर नगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संत कबीर नगर, लालगंज, आजमगढ़, जौनपुर, मछलीशहर, भदोही
19 मई : महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सालेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर, रॉबर्ट्सगंज

 

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